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Wednesday, 20 November, 2024
होमलास्ट लाफक्या निर्मला का तौहफा रोते बच्चों को चुप करा सकता है और बापू को इस 30 जनवरी को क्यों राहत मिली?

क्या निर्मला का तौहफा रोते बच्चों को चुप करा सकता है और बापू को इस 30 जनवरी को क्यों राहत मिली?

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सबसे अच्छे कार्टून्स.

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दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज के फीचर कार्टून में आलोक निरंतर बता रहे हैं कि मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीताराम के सामने कई टास्क होंगे. उनको महंगाई, बेरोजगारी, ग्रामीण संकट, उच्च राजकोषीय घाटा और कोविड से निपटना होगा और साथ ही पांच राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों पर भी नजर रखनी होगी.

मंजुल | VibesOfIndia

इस बीच, मंजुल, नरेंद्र मोदी सरकार पर विज्ञापनों को लेकर तंज कस रहे हैं. जिसमें उन्होंने सीतारमण को पीएम को यह कहते हुए दिखाया गया है कि विज्ञापनों के लिए पैसा आवंटित कर दिया गया है और अब बचे पैसे को लोक कल्याण के लिए प्रयोग किया जा सकता है.

साजिथ कुमार | Deccan Herald

साजिथ कुमार 30 जनवरी को महात्मा गांधी को उनकी 74 वीं पुण्यतिथि पर याद करते हुए बता रहे हैं कि कैसे कुछ लोग अभी भी उनके हत्यारे, नाथूराम गोडसे को मनाते हैं. हिंदू महासभा ने गोडसे और उनके सह-आरोपी नारायण आप्टे को श्रद्धांजलि अर्पित करती है.

आर प्रसाद | Economic Times

आर प्रसाद ने राहत महसूस करते हुए महात्मा गांधी को शांति से दिखाया क्योंकि इस साल, 2019 की तरह, उनकी मृत्यु को ‘नाटक’ के माध्यम से नहीं प्रदर्शित किया गया था. 2019 में, हिंदू महासभा के सदस्यों ने कथित तौर पर गांधीजी की हत्या को फिर से बनाने और जश्न मनाया था.

ई.पी. उन्नी | The Indian Express

ई.पी. उन्नी ने केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह ने द न्यू यॉर्क टाइम्स को ‘सुपारी मीडिया‘ करार दिया क्योंकि उसने एक रिपोर्ट छापी जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार ने 2017 में इजरायल सरकार के साथ एक सौदे के दौरान पेगासस स्पाइवेयर खरीदा था. कार्टूनिस्ट, कहते हैं कि ‘सुपारी’ को सहजता से ‘शानदार’ से बदल दिया जाएगा जब वही द न्यू यॉर्क टाइम्स भारत या उसकी उपलब्धियों का जश्न मनाते हुए कुछ छापेगा.

(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)


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