नई दिल्ली: बिहार में बुधवार को छात्रों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया जिसके चलते गया में एक ट्रेन में आग लगा दी गई. इस बीच उत्तर प्रदेश में नौकरी ची चाहत रखने वाले उम्मीदवारों की पिटाई के वीडियो वायरल होने के बाद प्रयागराज में छह पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया.
कुछ महीनों पहले रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) परीक्षा के प्रति असंतोष जताते हुए दोनों राज्यों के हजारों छात्रों ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले जलाए, ट्रेनों में तोड़फोड़ की. जिसके बाद यह घटनाक्रम हुआ.
इस खबर में दिप्रिंट आपको बताता है कि यह परीक्षा क्या है और छात्र दुखी क्यों हैं.
क्या है एनटीपीसी और 2019 की परीक्षा पर विरोध
भारतीय रेलवे के लिए माल गार्ड, यातायात सहायक आदि जैसे वाणिज्यिक प्रशिक्षुओं की भर्ती के लिए आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा आयोजित करता है.
एनटीपीसी 2019 परीक्षा 28 दिसंबर 2020 और 31 जुलाई 2021 के बीच आयोजित की गई थी. लगभग 1.25 करोड़ आवेदकों ने लेवल 2 से लेवल 6 तक के 35,000 से अधिक पदों के लिए आवेदन किया था, जिसमें शुरुआती वेतन 19,900 रुपये से 35,400 रुपये प्रति माह था. परीक्षा में करीब 60 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे.
दो-भाग की परीक्षा के पहले भाग के परिणाम इस साल 15 जनवरी को घोषित किए गए थे, और 7 लाख से अधिक आवेदकों ने पहले चरण में सफलता प्राप्त की थी.
हालांकि आवेदकों का दावा है कि उच्च योग्यता वाले लोगों के पक्ष में भर्ती प्रक्रिया में धांधली की गई थी. छात्रों का यह भी कहना है कि प्रत्येक उम्मीदवार एक 7 क्षेत्र से ही क्वालिफाई कर सकता है लेकिन कि एक उम्मीदवार को दो से तीन अलग-अलग क्षेत्रों से योग्य घोषित किया गया है.
विरोध के बाद, आरआरबी ने परीक्षा के दूसरे चरण को स्थगित कर दिया है और धमकी दी है कि सरकारी संपत्ति को नष्ट करने में शामिल छात्रों को सेवाओं से रोक दिया जाएगा.
आरआरबी नोटिस में कहा गया है: ‘… सीईएन 01/2019 (एनटीपीसी) का दूसरा चरण सीबीटी 15 फरवरी 2022 से शुरू हो रहा है और सीईएन आरआरसी 01/2019 का पहला चरण सीबीटी 23 फरवरी से शुरू हो रहा है.’
हालांकि, विरोध के बाद, रेल मंत्रालय ने उम्मीदवारों की शिकायतों को देखने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनाई है. मंत्रालय ने उम्मीदवारों को अपनी चिंताएं प्रस्तुत करने के लिए 16 फरवरी तक का समय दिया है. कमेटी 4 मार्च तक अपनी सिफारिशें देगी.
यह पहली बार नहीं है जब छात्रों ने इस प्रक्रिया का विरोध किया है. सितंबर 2020 में भी आरआरबी द्वारा पंजीकृत उम्मीदवारों के लिए एडमिट कार्ड प्रदान करने में विफल रहने के बाद छात्रों ने ट्विटर का सहारा लिया था.
बेरोजगारी पर सियासी रंग ले रहा है मुद्दा
अशोका विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अश्विनी देशपांडे के अनुसार, विरोध प्रदर्शन बढ़ती बेरोजगारी का संकेत है.
1.25 crore applications for 35,281 #IndianRailway jobs. That’s 354 applicants per job. For every person selected, 353 will not be. Not because of reservations but because there aren’t enough jobs. Even after short listing 7 lakhs, there’s 1 job/20 people #unemployment #createjobs
— Ashwini_Deshpande (@AshwDeshpande) January 27, 2022
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के प्रवक्ता अशोक सिन्हा ने कथित तौर पर कहा कि तालाबंदी के कारण परीक्षा में देरी के कारण आवेदकों की संख्या में वृद्धि हुई. हालांकि, नौकरी के इच्छुक एक व्यक्ति ने एनडीटीवी को बताया कि सरकार 1.4 लाख नौकरियां देने का दावा करके ‘चुनाव जीत रही है’
#TrendingTonight | Railways job aspirant Shashi Bhushan on recent protests against railway board exams. pic.twitter.com/gN3mB2JXv1
— NDTV (@ndtv) January 26, 2022
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने छात्रों के समर्थन में ट्वीट करते हुए कहा कि अब यह मुद्दा राजनीतिक हो गया है। उन्होंने प्रयागराज में छात्रों के खिलाफ कथित पुलिस बर्बरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भाजपा सरकार के “ऐतिहासिक पतन” का कारण बनेगा.
इलाहाबाद में अपने रोज़गार के लिए हक़ की आवाज़ बुलंद करने वाले बेगुनाह छात्रों पर पुलिस द्वारा हिंसक प्रहार… शर्मनाक एवं घोर निंदनीय है।
भाजपा सरकार में छात्रों के साथ जो दुर्व्यवहार हुआ है, वो भाजपा के ऐतिहासिक पतन का कारण बनेगा।
सपा संघर्षशील छात्रों के साथ है! pic.twitter.com/ii7QyIXd3b
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 26, 2022
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधा है, राहुल गांधी ने छात्रों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है. उन्होंने दावा किया कि सरकार की नीतियां छात्रों के हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह हिंसक आंदोलन के लिए साथ खड़े नहीं होंगे.
#Students, आप देश की व अपने परिवार की उम्मीद हैं।
भाजपा सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़, सत्य के पक्ष में मैं आपके साथ हूँ और रहूँगा लेकिन हिंसा हमारा रास्ता नहीं है।
अहिंसक विरोध से स्वतंत्रता ले सकते हैं तो अपना अधिकार क्यों नहीं? #NoFear #NoViolence
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 26, 2022
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