नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में वन, पर्यावरण एवं जंतु-उद्यान मंत्री दारा सिंह चौहान ने अपने पद से इस्तीफा देना का ऐलान किया है. स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद चौहान योगी सरकार के दूसरे मंत्री हैं जिन्होंने इस्तीफा दिया है.
अगले महीने उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के कई विधायकों समेत दो मंत्रियों के इस्तीफे को पार्टी के लिए झटका माना जा रहा है. वहीं भाजपा नेताओं के समाजवादी पार्टी से जुड़ने की संभावनाएं लगाई जा रही है.
इस बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि दारा सिंह को अपने फैसले पर फिर से सोचना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘परिवार का कोई सदस्य भटक जाये तो दुख होता है जाने वाले आदरणीय महानुभावों को मैं बस यही आग्रह करूंगा कि डूबती हुई नांव पर सवार होने से नुकसान उनका ही होगा. बड़े भाई श्री दारा सिंह जी आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करिये.’
परिवार का कोई सदस्य भटक जाये तो दुख होता है जाने वाले आदरणीय महानुभावों को मैं बस यही आग्रह करूँगा कि डूबती हुई नांव पर सवार होनें से नुकसान उनका ही होगा
बड़े भाई श्री दारा सिंह जी आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करिये— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) January 12, 2022
स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान के पार्टी से अलग होने से चुनावों के मद्देनज़र ओबीसी वोट बैंक को साधने की भाजपा की उम्मीदों को झटका लगा है.
दारा सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को लिखे पत्र में अपने इस्तीफे के कारण के बारे में बताया, ‘सरकार की पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के साथ-साथ पिछड़ों और दलितों के आरक्षण के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है, उससे आहत होकर मैं उत्तर प्रदेश मंत्रि-मंडल से इस्तीफा देता हूं.’
दिलचस्प संयोग की बात ये है कि मंगलवार को मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी कमोबेश यही कारण बताया था. मौर्य के समाजवादी पार्टी के साथ जाने की उम्मीद लगाई जा रही है क्योंकि उनके इस्तीफा देते ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यही संकेत दिए थे.
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा था, ‘सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!’
हालांकि मौर्य ने अभी कहा है कि पार्टी को लेकर अभी उन्होंने कोई फैसला नहीं किया है. यूपी भाजपा के प्रवक्ता हरीश श्रीवास्तव के अनुसार मौर्य का कदम अवसरवादी राजनीति को दिखाता है.
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था, ‘आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मैं नहीं जानता हूं, उनसे अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं.’
आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मैं नहीं जानता हूँ उनसे अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) January 11, 2022
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24 घंटे में 6 नेताओं ने छोड़ी भाजपा
स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान के अलावा भाजपा के चार विधायक भी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं. यानी कि पिछले 24 घंटे में भाजपा के छह नेता पार्टी से अलग हुए हैं.
जिन चार विधायकों ने मंगलवार को इस्तीफा दिया था, उनका नाम है- रोशन लाल वर्मा, ब्रिजेश प्रजापति, भगवती सागर और विनय शाक्य.
बता दें कि दारा सिंह चौहान ने 2 फरवरी 2015 को भाजपा ज्वाइन की थी. उससे पहले वो मायावती की बहुजन समाज पार्टी में थे. चौहान राज्य सभा और लोकसभा के भी सदस्य रह चुके हैं. भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें भाजपा के ओबीसी मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया था.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के तारीखों का ऐलान किया था. यूपी में सात चरणों में मतदान होंगे और नतीजे 10 मार्च को आएंगे.
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