मेरठ (उत्तर प्रदेश): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मेरठ में ‘मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय’ का शिलान्यास किया, जो उत्तर प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय है. पीएम ने कहा कि मेरठ के इस क्षेत्र ने स्वतंत्र भारत को भी नई दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. राष्ट्र रक्षा के लिए सीमा पर बलिदान हो या फिर खेल के मैदान में राष्ट्र के लिए सम्मान, राष्ट्र भक्ति की अलख को इस क्षेत्र ने सदा सर्वदा प्रज्ज्वलित रखा है.
नए साल में उत्तर प्रदेश के अपने पहले दौरे पर आए प्रधानमंत्री ने मेरठ के सलावा इलाके में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया. इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे.
प्रधानमंत्री ने करा ‘पहले की सरकारों में यूपी में अपराधी अपना खेल खेलते थे, माफिया अपना खेल खेलते थे. पहले यहां अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे, बेटियों पर फब्तियां कसने वाले खुलेआम घूमते थे.’
‘अब योगी जी की सरकार ऐसे अपराधियों के साथ जेल-जेल खेल रही है. पांच साल पहले इसी मेरठ की बेटियां शाम होने के बाद अपने घर से निकलने से डरती थीं. आज मेरठ की बेटियां पूरे देश का नाम रौशन कर रही हैं.’
पीएम मोदी ने कहा साल की शुरुआत में मेरठ आना अपने आप में मेरे लिए बहुत अहम है. भारत के इतिहास में मेरठ का स्थान सिर्फ एक शहर का नहीं है, बल्कि मेरठ हमारी संस्कृति और सामर्थ्य का भी महत्वपूर्ण केंद्र है.
‘यहां मेरठ के सोतीगंज बाजार में गाड़ियों के साथ होने वाले खेल का भी अब The End हो रहा है. अब UP में असली खेल में बढ़ावा मिल रहा है. UP के युवाओं को खेल की दुनिया में छा जाने का मौका मिल रहा है.’
मोदी ने कहा, ‘खेल की दुनिया से जुड़ी एक और बात हमें याद रखनी है. खेल से जुड़ी सर्विस और सामान का बाजार लाखों करोड़ रुपये का है. मेरठ से ही अभी 100 से अधिक देशों को स्पोर्ट्स का सामान निर्यात होता है. मेरठ लोकल के लिए वोकल तो है ही, लोकल को ग्लोबल भी बना रहा है.’
‘युवा नए भारत का कर्णधार भी है, विस्तार भी है। युवा नए भारत का नियंता भी है, नेतृत्वकर्ता भी है. आज के युवाओं के पास प्राचीनता की विरासत भी है, आधुनिकता का बोध भी है. जिधर युवा चलेगा उधर भारत चलेगा. और जिधर भारत चलेगा उधर ही अब दुनिया चलने वाली है.’
पीएम ने कहा- खिलाड़ियों के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए हमारी सरकार ने अपने खिलाड़ियों को 4 शस्त्र दिए हैं- 1- संसाधन 2- ट्रेनिंग की आधुनिक सुविधा 3- अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर 4- चयन में परदर्शिता.
‘देश में खेलों के लिए जरूरी है कि हमारे युवाओं में खेलों को लेकर विश्वास पैदा हो, खेल को अपना प्रॉफ़ेशन बनाने का हौसला बढ़े। यही मेरा संकल्प भी है, और सपना भी!’
मोदी ने कहा कि अब जो नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू हो रही है, उसमें भी खेल को प्राथमिकता दी गई है। पहले खेल को एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था, लेकिन अब स्पोर्ट्स स्कूल में बाकायदा एक विषय होगा.
अपरोक्ष रूप से मुलायम सिंह यादव के काफी पहले दिए एक बयान पर तंज कसते हुए कहा कि सरकारों की भूमिका अभिभावक की तरह होती है. योग्यता होने पर बढ़ावा भी दे और गलती होने पर ये कहकर ना टाल दे कि लड़कों से गलती हो जाती है.
उन्होंने कहा, ‘मेरठ, देश की एक और महान संतान, मेजर ध्यान चंद जी की भी कर्मस्थली रहा है. कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम दद्दा के नाम पर किया था. आज मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेजर ध्यान चंद जी को समर्पित की जा रही.’
नूरपुर ने चौधरी चरण सिंह जी के रूप में देश को एक विजनरी नेतृत्व भी दिया।. मैं इस प्रेरणास्थली का वंदन करता हूं, मेरठ और इस क्षेत्र का अभिनंदन करता हूं.
मोदी ने कहा 700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली ये आधुनिक दुनिया की श्रेष्ठ स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में से एक होगी.
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि विश्व स्तरीय अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय 91.38 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा और इसके निर्माण पर 700 करोड़ रुपए की लागत अनुमानित है. इस विश्वविद्यालय में 1,080 खिलाड़ियों को एक साथ प्रशिक्षण दिया जा सकेगा. इसमें खेल, खेल विज्ञान तथा खेल प्रौद्योगिकी के विभिन्न पाठ्यक्रमों के अलावा प्रशिक्षण एवं शोध कार्य भी संचालित किए जाएंगे.
विश्वविद्यालय के शिलान्यास से पहले प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद खिलाडि़यों से बातचीत की. इसके अलावा उन्होंने खेल उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के मॉडल को भी देखा.
इससे पूर्व, मोदी मेरठ स्थित काली पलटन मंदिर गए और उन्होंने वहां पूजा की. इसके बाद उन्होंने शहीद स्मारक भवन में अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
मोदी ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के पहले शहीद क्रांतिकारी मंगल पांडे की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. वह राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय भी गए और उन्होंने वहां रखी ऐतिहासिक वस्तुओं का अवलोकन किया.