नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी व पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की तीखी अलोचना की.
राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘फूल बरसाना दिखावे का पीआर (जनसंपर्क) था, असलियत में अन्याय बरसा रहे हैं. केंद्र सरकार के अत्याचार के खिलाफ मैं कोरोना योद्धाओं के साथ हूं.’
फूल बरसाना दिखावे का PR था,
असलियत में अन्याय बरसा रहें हैं।केंद्र सरकार के अत्याचार के ख़िलाफ़ मैं #CovidWarriors के साथ हूँ।#NEETPG pic.twitter.com/lzmWjLrwMZ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 27, 2021
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया. अब समय है कि पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले नरेंद्र मोदी जी को नींद से जगाए. डॉक्टरों को झूठा पीआर (जनसंपर्क) नहीं, सम्मान व हक चाहिए.
कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया।
अब समय है पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले @narendramodi जी को नींद से जगाए
डॉक्टरों को झूठा PR नहीं, सम्मान व हक चाहिए। pic.twitter.com/FG04p4U98o
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 27, 2021
FORDA और दिल्ली RDA के समर्थन में पुलिस की बर्बरता के विरोध में, FAIMA ने बुधवार से स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने के लिए का आह्वान किया है.
सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में हो रही देरी को लेकर अपना आंदोलन तेज करते हुए सोमवार को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से उच्चतम न्यायालय तक मार्च निकाला. हालांकि, प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोक लिया और दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई. पुलिस ने कम से कम 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया.
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहा है. सरकार ने पिछले साल कोरोना वायरस पर काबू के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान महामारी से निपटने में योगदान को लेकर डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर फूल बरसाए थे.
(भाषा के इनपुट के साथ)