नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस आठ वर्षीय दलित लड़के की मौत की जांच कर रही है, जिसका शव 26 नवंबर को मथुरा में एक नाले से बरामद किया गया था.
लड़के के पिता ने आरोप लगाया है कि ठाकुर परिवार के सदस्यों, जिनके साथ उनका ‘लंबे समय से विवाद चल रहा था’ ने उसके बेटे की हत्या कर दी और शव को नाले में फेंक दिया.
कई सोशल मीडिया यूजर ने मंगलवार को लड़के के शव की एक तस्वीर सर्कुलेट की, जिसमें आरोप लगाया गया कि एक ठाकुर परिवार ने उसका चेहरा ‘तेजाब से जला दिया’ था. पुलिस ने इस दावे को खारिज कर दिया है.
यद्यपि पुलिस पिता के आरोपों की जांच कर रही है, लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि लड़के की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यही निष्कर्ष निकला कि उसकी मौत डूबने से हुई थी और उसके शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं थी.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘यह पूरी तरह झूठ है. डॉक्टरों के एक पैनल ने लड़के का पोस्टमॉर्टम किया और इसकी वीडियोग्राफी भी हुई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि मौत दम घुटने के कारण हुई. उसकी मौत डूबने से हुई और कोई एंटे-मार्टम चोट नहीं थी, जिसका मतलब है कि कोई बाहरी चोट नहीं थी.’
अधिकारी ने कहा, ‘अगर उसके चेहरे पर तेजाब फेंका जाता, तो जलने के निशान होते. चूंकि शव नाले में पाया गया था, और दो-तीन दिनों तक पानी में ही रहने के कारण यह सड़ने लगा था.’
हालांकि, पिता के आरोप के आधार पर पुलिस ने हत्या के मामले को एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज किया है.
मामले की जांच कर रहे मगोरा के सीओ गौरव त्रिपाठी ने दिप्रिंट को बताया, ‘लड़के के पिता हमारे पास आए और कहा कि उन्हें अपने बेटे के अपहरण और हत्या में ठाकुर परिवार की भूमिका पर संदेह है. उन्होंने कहा कि उन्हें संदेह है कि उन्होंने उसे पीटा और नाले में फेंक दिया. उनकी शिकायत के आधार पर, हमने मामला दर्ज किया और अब इसकी जांच कर रहे हैं.’
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‘अपहरण और हत्या’
पुलिस के मुताबिक सोसा गांव निवासी लड़का 22 नवंबर को लापता हो गया था, जिसके बाद पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया था. आखिरकार 26 नवंबर को उसका शव सोसा से 20 किमी दूर मिला और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.
ऊपर उद्धृत अनाम अधिकारी ने कहा, ‘22 नवंबर को हमें शिकायत मिली कि लड़का लापता है. हमें बताया गया कि आखिरी बार उसे नाले के पास देखा गया था. हमने तुरंत अपहरण का मामला दर्ज किया (क्योंकि वह नाबालिग था) और तलाशी शुरू कर दी. पुलिस टीम के साथ-साथ गोताखोरों और डॉग स्क्वायड को भी लड़के की तलाश में लगाया गया.
अधिकारी ने कहा, ‘आखिरकार तलाशी के चौथे दिन लड़के का शव मिला और उसे तुरंत पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.’
पोस्टमार्टम के पांच दिन बाद लड़के के पिता ने यह कहते हुए पुलिस से संपर्क साधा कि उसे अपने बेटे की हत्या के पीछे एक ठाकुर परिवार का हाथ होने का संदेह है—जिसके साथ उनका काफी समय से झगड़ा चल रहा है.
त्रिपाठी ने कहा कि पुलिस को अभी तक ऐसा कोई चश्मदीद नहीं मिला है, जिसने 22 नवंबर को नाले के पास ठाकुर परिवार के किसी व्यक्ति को देखा हो.
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमें अभी तक कोई लिंक नहीं मिला है जो आठ साल के बच्चे की मौत में ठाकुर परिवार की भूमिका को दर्शाता हो. हालांकि, हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं. हमने कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकाले हैं और टावर लोकेशन की भी जांच कर रहे हैं कि उस दिन ठाकुर परिवार के सदस्य कहां थे.
अधिकारी ने कहा, ‘हमने इलाके के कई लोगों से पूछताछ की है, लेकिन ऐसा कोई चश्मदीद नहीं मिला है, जिसने लड़के को ठाकुर के परिवार के किसी सदस्य के साथ देखा हो.’
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