scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशराम मंदिर के इतिहास पर युवाओं को शिक्षित करने के लिए बजरंग दल 1000 जगहों पर करेगा 'शौर्य संचालन'

राम मंदिर के इतिहास पर युवाओं को शिक्षित करने के लिए बजरंग दल 1000 जगहों पर करेगा ‘शौर्य संचालन’

देशभर में 1,000 स्थानों पर मार्च आयोजित करने की योजना के साथ, बजरंग दल का लक्ष्य अपनी संगठनात्मक शक्ति का प्रदर्शन करना, और युवा लोगों तक पहुंचना है.

Text Size:

नई दिल्ली: बजरंग दल ने देश भर में 1,000 स्थानों पर शौर्य संचालन का सिलसिला शुरू किया है, जिनमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मार्ग शामिल हैं. ये मार्च 6 दिसंबर से शुरू हुए- जो 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस की वर्षगांठ है.

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) नेताओं का कहना है कि इसके पीछे विचार ये है कि आम लोगों ख़ासकर युवाओं को, राम मंदिर के महत्व और उसके इतिहास से अवगत कराया जाए जो अयोध्या में निर्माणाधीन है, और युवा लोगों को हिंदू धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.

नेताओं के अनुसार, इन मार्चों में बजरंग दल के विकास को भी दर्शाया जाएगा, जिसे अकसर वीएचपी का युवा विंग कहा जाता है, और ज़्यादा से ज़्यादा युवाओं को प्रोत्साहित किया जाए कि वो राष्ट्र के लिए काम करें, अनुशासित हों और एकजुट रहें. सूत्रों ने बताया कि शौर्य संचालन आयोजनों में युवाओं को हिंदुत्व की रक्षा का संकल्प लेते हुए भी देखा जाएगा.

बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक सोहन सिंह सोलंकी ने कहा, ‘6 दिसंबर पूरे देश के लिए एक बड़ा दिन है, और बजरंग दल के लिए भी है. यही कारण है कि बजरंग दल 6 दिसंबर को शौर्य दिवस के रूप में मनाता है. अतीत में भी, हम कार्यक्रमों का आयोजन करते थे और मंदिरों में जाया करते थे’.

उन्होंने आगे कहा, ‘इस बार हमने एक क़दम और आगे बढ़कर, शौर्य संचालन आयोजित करने का फैसला किया है, ताकि युवाओं को राम मंदिर के महत्व और उसके इतिहास से अवगत किया जा सके और युवा लोग समझ सकें कि इसका क्या अर्थ है और इसे कैसे हासिल किया गया है’.

उन्होंने आगे कहा कि ये मार्च देश भर की कम से कम एक हज़ार जगहों पर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें सात जगहें दिल्ली में और एक दर्जन से अधिक उत्तर प्रदेश में होंगी. ये मार्च 6 दिसंबर से 12 जनवरी तक किए जाएंगे, और इनमें 13 से लेकर 25 वर्ष तक के युवा लोगों की भागीदारी होगी.

उन्होंने ये भी कहा, ‘हर मार्च में 1,000 से अधिक लोग हिस्सा लेंगे. हम जगहों को अंतिम रूप दे रहे हैं’.

शक्ति प्रदर्शन

ये आयोजन उत्तर प्रदेश के अहम चुनावों से पहले किया जा रहा है, जो फरवरी-मार्च 2022 में होने हैं. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी चुनावों से पहले राम मंदिर के चल रहे निर्माण को, अपनी एक बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रदर्शित कर रही है.

1 अक्तूबर 1984 को जब वीएचपी ने राम मंदिर आंदोलन के तहत एक शोभा यात्रा निकाली, तो उसकी पहरेदारी के लिए उसने बजरंग दल की स्थापना की. बजरंग दल को अक्सर वीएचपी की युवा विंग भी कहा जाता है.

वीएचपी के संयुक्त महासचिव सुरेंदर जैन ने कहा, ‘समय के साथ बजरंग दल अधिक संगठित हो गया है. शौर्य संचालन कोई साधारण मार्च नहीं है, बल्कि एक संगठित प्रयास है जिसका लक्ष्य संगठन का प्रदर्शन करना, और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करना है.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ेंः चांदनी चौक में मंदिर तोड़े जाने के विरोध में उतरे विहिप, बजरंग दल के कार्यकर्ता, हिरासत में लिए गए


 

share & View comments