नई दिल्ली: यूनिसेफ ने एक रिपोर्ट में कहा कि 2020 में कम से कम 310,000 बच्चे एचआईवी से संक्रमित हुए हैं या हर दो मिनट में एक बच्चा इसके चपेट में आ जाता है. इसी दौरान 120,000 बच्चों की एड्स की वजह से मौत हो गई. इसी अवधि में हर पांच मिनट में एक बच्चा की मृत्यू हुई है.
एचआईवी और एड्स ग्लोबल स्नैपशॉट ने चेतावनी दी है कि एक लंबे समय तक कोविड 19 महामारी उन असमानताओं को गहरा कर रही है जिन्होंने लंबे समय से एचआईवी का संक्रमण बढ़ाया है. कमजोर बच्चे, किशोरों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को एचआईवी की रोकथाम और इलाज ना मिलने के खतरे में भी अधिक बढ़ोतरी हुई है.
यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने कहा कि ‘एचआईवी, वैश्विक महामारी के अपने पांचवें दशक में प्रवेश कर गई है जिसने हेल्थ केयर सिस्टम और सेवाओं तक पहुंच को सीमित कर दिया है. इसी बीच बढ़ती गरीबी, मानसिक स्वास्थ्य और बुरा बर्ताव बच्चों और महिलाओं में संक्रमण के खतरे को बढ़ा रहा है.’
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उन्होंने आगे कहा कि ‘जब तक हम एचआईवी महामारी को प्रभावकारी बनाने वाली असमानताओं से निपटने की कोशिशों को तेज नहीं करते हैं, जो कोविड 19 में और बढ़ गई हैं, हम देख सकते हैं कि बच्चों में ज्यादा एचआईवी हो रहा है और अधिक बच्चे एड्स के खिलाफ अपनी लड़ाई हार रहे हैं.’
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘दुनिया भर में एचआईवी से संक्रमित 5 में से 2 बच्चे अपनी स्थिति के बारे में नहीं जानते हैं.’ एचआईवी सेवाओं की प्रयाप्त पहुंच बनाने में कुछ रुकावट लंबे समय से चली आ रही हैं जो परिचित हैं. इनमें भेदभाव और लैंगिक असमानताएं शामिल हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि कई देशों ने 2020 की शुरुआत में कोविड की वजह से एचआईवी सेवाओं की बाधाओं को देखा है. अधिक बोझ वाले देशों में एचआईवी शिशु परीक्षण में 50 से 70 फीसदी की गिरावट आई, 14 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नए इलाज की शुरुआत में 25 से 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई है. लिंग आधारित हिंसा में बढ़ोतरी, देखभाल तक सीमित पहुंच और आवश्यक सामान का स्टॉक खत्म होने की वजह से लॉकडाउन ने संक्रमण दर में इजाफा किया है. कई देशों ने स्वास्थ्य सुविधा वितरण, मातृ एचआईवी परीक्षण और एंटीरेट्रोवायरल एचआईवी इलाज शुरू करने में भी कमी को झेला है. एक उदाहरण, दक्षिण एशिया में गर्भवती महिलाओं के बीच एआरटी कवरेज 2020 में 71 प्रतिशत से घटकर 56 प्रतिशत हो गया.’
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जून 2020 में सेवाओं में तेजी आई है. कवरेज का लेवल कोविड 19 से पहले के स्तर से काफी नीचे है और प्रभाव की सही सीमा अपरिचित है. इसके अलावा रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि जिन क्षेत्रों में एचआईवी ज्यादा फैला हुआ है वहां लंबी महामारी स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को ज्यादा बाधित कर सकती है और वैश्विक एचआईवी प्रतिक्रिया में अंतराल को चौड़ा कर सकती है.
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