नई दिल्ली: त्रिपुरा से संबंध रखने वाली केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर आरोप लगाया है कि वह पश्चिम बंगाल में अपनी काली करतूतों पर पर्दा डालने के लिए एक योजना के तहत उनके राज्य को बदनाम कर रही है.
दिप्रिंट से बात करते हुए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री भौमिक ने कहा कि कम्युनिस्टों ने भी इस तरह की हिंसा नहीं की जैसा ममता बनर्जी की अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में मचा रही है.
‘जब से बीजेपी सत्ता में आई, क्या आपने त्रिपुरा में अगस्त से पहले कभी कोई हिंसा देखी थी? त्रिपुरा में हिंसा इस अगस्त से ही शुरू हुई, जब तृणमूल कांग्रेस ने यहां क़दम रखा’. उन्होंने आगे कहा, ‘वो एक योजना के साथ त्रिपुरा आए. टीएमसी के पास आई-पैक (प्रशांत किशोर की इंडियन पेलिटिकल एक्शन कमेटी) है. उनका ये धंधा है वो सियासत में नहीं हैं. वो लोगों की ज़िंदगियों से खेलते हैं’.
टीएमसी पर भौमिक का ये हमला, पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ निर्धारित बैठक से कुछ घंटे पहले ही आया, जिसमें ममता ने अन्य बातों के अलावा, त्रिपुरा में अपने काडर पर हमले किए जाने का मुद्दा उठाया.
लेकिन, केंद्रीय मंत्री ने टीएमसी के इन आरोपों का खंडन किया कि त्रिपुरा की राजनीतिक हिंसा में बीजेपी काडर के लोग शामिल थे.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘ये हिंसा राज्य के शांत माहौल को बिगाड़ने की एक पूर्व नियोजित साज़िश है…टीएमसी ने ये सब एक योजना के तहत त्रिपुरा की छवि को धूमिल करने के लिए किया है. हमारी सरकार 2018 से सत्ता में है, लेकिन ऐसी हिंसा पहले कभी नहीं देखी गई. अब ऐसा क्यों हो रहा है? आई-पैक और टीएमसी इसके पीछे है’.
उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि टीएमसी के नेता एक ‘तय योजना के तहत काम कर रहे हैं’.
उन्होंने कहा, ‘इस सारी योजना को अमल में लाने के लिए उनके पास टॉलीवुड के लोग हैं. हमारे पास टॉलीवुड या बॉलीवुड से कोई नहीं है. बीजेपी के पास सिर्फ वो लोग हैं जो ज़मीन से जुड़े हैं. हमें नहीं आता कि ड्रामा कैसे किया जाता है. वो हम पर इसलिए हमला कर रहे हैं कि हम एक छोटा प्रांत हैं’.
उन्होंने ये भी कहा कि टीएमसी ‘पश्चिम बंगाल में अपनी ख़ामियों’ से ध्यान भटका रही है.
उन्होंने दावा किया, ‘2 मई के असेम्बली चुनावों के बाद बंगाल में महिलाओं से छेड़छाड़ की गई, बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले किए गए और बहुत से लोगों को उनके घरों से बाहर निकाल दिया गया. चूंकि इस सब को लेकर पश्चिम बंगाल की आलोचना हो रही थी, इसलिए वो त्रिपुरा को बदनाम करने में लग गए’.
टीएमसी के इस आरोप पर कि बीजेपी त्रिपुरा का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर रही है, भौमिक ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण किसने किया? हिंदू महिलाओं को किसने अग़वा किया? उनका बलात्कार किसने किया? ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल अफगानिस्तान है. टीएमसी को इसका हिसाब देना होगा. जिन मुसलमानों ने उसे वोट दिया था, वो भी पछता रहे हैं क्योंकि ये उनके संप्रदाय को बदनाम कर रहे हैं. टीएमसी हिंदुओं पर हमले कर रही है. ये तो तालिबान से भी बुरे हैं’.
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‘ममता एक गुंडा’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाना बनाते हुए बीजेपी मंत्री ने कहा, ‘ममता कोई राजनेता नहीं हैं, वो कोई सामाजिक कार्यकर्ता नहीं हैं. वो एक गुंडा हैं’.
टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी को रैली करने की अनुमति क्यों नहीं दी गई, ये पूछने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क़ानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए बीजेपी नेताओं को भी अनुमति नहीं दी गई थी. उन्होंने दावा किया, ‘हमें एक महिला मोर्चा रैली निकालनी थी, मुझे भी इजाज़त नहीं मिली’.
त्रिपुरा विधायक अरुण चंद्र भौमिक की 18 अगस्त की टिप्पणी पर, जिसमें उन्होंने कथित रूप से पार्टी कार्यकर्ताओं से ‘तालिबान की तर्ज़ पर’ तृणमूल नेताओं पर हमले करने का आह्वान किया था, सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्टीकरण मांगने के बारे में पूछने पर भौमिक ने कहा, ‘पार्टी ने पहले ही उनसे कह दिया है कि हम ऐसे विचारों का समर्थन नहीं करते. लेकिन आपको समझना होगा कि टीएमसी ने हमें कितना प्रताड़ित किया है. असम जैसे कई दूसरे राज्यों में भी हमारी बीजेपी सरकारें हैं. क्या वहां से आपने ऐसी घटनाएं सुनी हैं? ऐसी चीज़ें हम वहीं क्यों सुनते हैं, जहां तृणमूल कांग्रेस है?’
भौमिक ने कहा कि पश्चिम बंगाल के विपरीत त्रिपुरा में लोकतंत्र है, और यही कारण है कि ‘टीएमसी नेता यहां आ सकते हैं, और आराम से होटलों में ठहर सकते हैं’.
उन्होंने कहा, ‘वो यहां अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में हमारी पार्टी सरकार में है. क्या वहां आप ऐसी घटना सुनते हैं? नहीं. लेकिन जिस तरह की गुंडागर्दी टीएमसी कर रही है, वो अभूतपूर्व है’.
त्रिपुरा बीजेपी इकाई में मतभेद पर, भौमिक ने सूबे के पूर्व राज्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘वो (बर्मन) इन मुद्दों पर अब क्यों बात कर रहे हैं? ये मुद्दे उन्होंने पहले क्यों नहीं उठाए? उनके मुख्यमंत्री के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं और यही कारण है कि वो ये सब करते रहते हैं’.
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