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Friday, 22 November, 2024
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‘टायर्ड’ लोकतंत्र को किसान ने दी लिफ्ट और डिक्शनरी में निरस्त होने के बाद क्या आता है

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सबसे अच्छे कार्टून.

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दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज के फीचर कार्टून में संदीप अध्वर्यु ने एक महिला किसान को लोकतंत्र को लिफ्ट देते हुए दिखाया है जिसके जरिए एक साल के विरोध के बाद मोदी सरकार के कृषि कानूनों को निरस्त करने की तरफ इशारा किया गया है. टायर के निशान को लखीमपुर खीरी की घटना के प्रतीक के तौर पर दिखाया है.

ई.पी. उन्नी | The Indian Express

ई.पी. उन्नी कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले को लखीमपुर खीरी से भी जोड़कर देख रहे हैं. इस तथ्य की तरफ इशारा र रहे हैं कि अजय मिश्रा ‘टेनी’ अभी भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने हुए हैं. हालंकि  उनका बेटा आशीष पिछले महीने चार किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का आरोपी है. ‘टेनी’ जनता की नजर से गायब हो गया हैं.

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साजिथ कुमार | Deccan Herald

साजिथ कुमार इस दावे पर जोर दे रहे हैं कि मोदी सरकार ने चुनावी मजबूरियों की वजह से कानूनों को रद्द किया है.

आर प्रसाद | Economic Times

अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद उत्तराखंड के लोगों को मुफ्त तीर्थ यात्रा कराने की योजना की घोषणा की है. आर प्रसाद ने एक भगवान अयप्पा भक्त को दिखाया है जो केजरीवाल से सवाल कर रहा है कि क्या इस योजना को केरल के सबरीमाला मंदिर तक बढ़ाया जा सकता है.

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आलोक निरंतर | Twitter/@caricatured

आलोक निरंतर तृणमूल कांग्रेस की चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राजनीतिक प्राथमिकता को दिखा रहे हैं. वो गोवा यात्रा के दौरान ममता के कांग्रेस पर लगातार हमला करने की तरफ इशारा कर रहे हैं.  ममता ने दावा किया कि कांग्रेस राजनीति के प्रति गंभीर नहीं है और इसके कारण नरेंद्र मोदी के ज्यादा शक्तिशाली होने का आरोप लगाया.

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कीर्तीश भट्ट | BBC News Hindi

पीएम नरेंद्र मोदी के कृषि कानूनों को वापस लेने के निर्णय के बाद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), 2019 को रद्द करने की मांग भी शुरू हो गई है. कीर्तीश भट्ट न्यूज़पेपर पढ़ने के बाद एक कपल को बातचीत करते दिखाया है जिसमें वो कह रहे हैं   क्या उन्हें नोटबंदी को वापस लेने के लिए भी विरोध करना चाहिए जिसकी वजह से 500 रुपए और 1,000 रुपए के नोटों को बेकार कर दिया था.

(इन कार्टून्स को अंग्रेज़ी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

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