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Friday, 22 November, 2024
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त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस नेता सायानी घोष हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार

त्रिपुरा पुलिस ने सत्तारूढ़ बीजेपी के एक कार्यकर्ता की शिकायत के बाद रविवार को पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की नेता सायानी घोष को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था.

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अगरतला: त्रिपुरा पुलिस ने रविवार को पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की नेता सायानी घोष को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सायानी पर शनिवार रात को मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब की एक नुक्कड़ सभा के दौरान उन्हें धमकी देने का आरोप है।

तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई की युवा शाखा की सचिव सायानी घोष को तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी के दौरे से 24 घंटे पहले हिरासत में लेने के बाद गिरफ्तार किया गया. घोष को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था.

अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर) रमेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई टिप्पणियों के आरोप में सायानी घोष के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 153ए (दो समूहों के बीच वैमन्स्य को बढ़ावा देना) के तहत गिरफ्तार किया गया है.

उन्होंने कहा कि सायानी और उनके साथ पहुंचे कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री की सभा के दौरान कथित तौर पर पथराव किया.

त्रिपुरा पुलिस ने सत्तारूढ़ बीजेपी के एक कार्यकर्ता की शिकायत के बाद रविवार को पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की नेता सायानी घोष को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था.

एक अधिकारी ने बताया कि बीजेपी कार्यकर्ता ने सायानी पर शनिवार रात को मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब की एक नुक्कड़ सभा को बाधित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सायानी ने बैठक स्थल पर पहुंचकर ‘खेला होबे’ के नारे लगाए.

 

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि पूर्वी अगरतला महिला पुलिस थाने के बाहर उनके कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी समर्थकों ने धक्का-मुक्की की. हालांकि, बीजेपी ने आरोप को खारिज किया है.

बनर्जी ने ट्वीट कर त्रिपुरा की बीजेपी सरकार पर राजनीतिक दलों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया.

बनर्जी ने रविवार सुबह को किए गए कथित हमले का वीडियो ट्विटर पर साझा किया और मुख्यमंत्री बिप्लब देब पर निशाना साधते हुए कहा, ‘वह हमारे समर्थकों और महिला उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय हमला करने के लिए लगातार गुंडे भेज रहे हैं. त्रिपुरा में सत्तारूढ़ बीजेपी लोकतंत्र का मजाक बना रही है.’

सुप्रीम कोर्ट ने हाल में त्रिपुरा पुलिस को निर्देश दिया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसी भी राजनीतिक दल को शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार करने के अधिकार से वंचित नहीं किया जाए.

पुलिस ने कहा कि सायानी से पूछताछ के दौरान थाने के बाहर एकत्र लोगों के समूह पर कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने हमला किया. हालांकि, हमले में किसी को चोट नहीं आई.

तृणमूल कांग्रेस की नेता और राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देब ने कहा, ‘ हमारे उम्मीदवारों को पीटा गया, उनके घरों में तोड़-फोड़ की गई और शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई. पुलिस यहां एकतरफा तरीके से काम कर रही है.’

तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा कि त्रिपुरा में जिस तरह का लोकतंत्र है तो हम अपने नेताओं से पश्चिम बंगाल में (बीजेपी के साथ) भी ऐसा ही करने को कहेंगे.’

वहीं, बीजेपी की त्रिपुरा इकाई के प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कभी भी तृणमूल कांग्रेस के किसी समर्थक पर हमला नहीं किया क्योंकि पार्टी इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं मानती.


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