चंडीगढ़:पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य सरकार द्वारा अपने करीबी मानी जाने वाली पाकिस्तानी पत्रकार अरूसा आलम के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा दिए गए जांच के आदेश का जवाब देते हुए कहा है कि वह पिछले 16 साल से उचित प्रक्रिया का पालन कर भारत आ रही हैं.
बुधवार को, पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक बयान जारी कर कहा था कि राज्य के डीजीपी अरूसा के ‘आईएसआई से संभावित कनेक्शन’ की जांच करेंगे.
अमरिंदर ने अपने मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल द्वारा शुक्रवार को पोस्ट किए गए कई ट्वीट्स के माध्यम से इसका जवाब दिया, जिसमें कहा गया है कि जब रंधावा उनके मंत्रिमंडल में मंत्री थे, तो उन्होंने कभी भी अरूसा के बारे में शिकायत नहीं की थी.
रंधावा पर ‘व्यक्तिगत हमलों’ का सहारा लेने का आरोप लगाते हुए अमरिंदर ने कहा कि ‘वह भारत सरकार की मंजूरी के साथ 16 साल से आ यहां आ रही है. क्या आप यह आरोप लगा रहे हैं कि इस अवधि में एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार दोनों ने पाक ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलीभगत की?’
अमरिंदर ने गृह मंत्रालय का कामकाज संभालने वाले रंधावा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह इस बात से ‘चिंतित’ हैं कि ऐसे समय में जब आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है और त्योहार नजदीक आ रहे हैं, उन्होंने कानून-व्यवस्था पर अपना ध्यान केंद्रित करने के बजाय डीजीपी को एक आधारहीन जांच में लगा दिया है.
उन्होंने रंधावा से यह भी सवाल किया कि बेअदबी और नशीली दवाओं के मामलों के संबंध में उन्होंने जो ‘लंबे-लंबे वादे’ किए थे, उनके मामले में उनके पास दिखाने को क्या है.
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ अरूसा की एक बिना तारीख वाली तस्वीर भी ट्वीट की और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा और कांग्रेस पार्टी को इस ट्वीट में टैग किया.
Just by the way. (File photo). @Sukhjinder_INC @INCPunjab @CHARANJITCHANNI @INCIndia pic.twitter.com/NxrrZZT4ic
— Raveen Thukral (@RT_Media_Capt) October 22, 2021
इसके बाद उपमुख्यमंत्री रंधावा ने शुक्रवार देर रात पलटवार करते हुए इस बात पर आश्चर्य जताया कि ‘अरूसा और उनके आईएसआई लिंक’ की जांच से अमरिंदर इतने परेशान क्यों हैं’. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘उसका वीजा किसने प्रायोजित किया था और उससे जुड़ी हर चीज की पूरी जांच की जाएगी. मुझे उम्मीद है कि सभी संबंधित लोग पुलिस के साथ सहयोग करेंगे.’
उन्होंने पूर्व सीएम द्वारा कई सारे ट्वीट्स के माध्यम से अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए और अमरिंदर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने इस साल की शुरुआत में वायरल हुए एक वीडियो का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, ‘पुलिस लोगों की सुरक्षा कर रही है, चीकू और सीताफल की नहीं.’ इस वीडियो में अरूसा अमरिंदर से उनके फार्महाउस में उगाए जा रहे दो फलों के बारे में बात करती नजर आ रही है.
(1/4) I am a true nationalist and you better know @capt_amarinder from which point our differences had erupted.Whereas,you don’t worry about law and order situation as we have not outsourced the Punjab govt to 'anyone'. Now, police is protecting people, not cheekus and seetafal.
— Sukhjinder Singh Randhawa (@Sukhjinder_INC) October 22, 2021
मैं एक सच्चा राष्ट्रवादी हूं और कैप्टन अमरिंदर आप इस बात को बेहतर जानते हैं कि किस बिंदु पे हमारे बीच मतभेद पैदा हुए थे. हालांकि, आप को कानून और व्यवस्था की स्थिति के बारे में चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि हमने पंजाब सरकार को ‘किसी’ को आउटसोर्स नहीं किया है. अब पुलिस लोगों की सुरक्षा कर रही है, चीकू और सीताफल नहीं.
अमरिंदर ने शुक्रवार देर रात एक और ट्वीट करते हुए रंधावा के ट्वीट का जवाब दिया और कहा कि अरूसा के लिए किए गए सभी वीजा अनुरोधों को स्वीकार किये जाने से पहले रॉ और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने इन्हें मंजूरी दी थी. उन्होंने कहा कि अरूसा को वीजा दिए जाने से पहले ही 2007 में उनके बारे में एक जांच की जा चुकी थी.
‘क्षुब्ध? क्या आपने इतने सालों में मुझे कभी किसी मुद्दे पर परेशान होते देखा है? @Sukhjinder_INC? वास्तव में, यदि आपके द्वारा की जारी पलटबाजी कोई संकेत हैं, तो आप परेशान और भ्रमित प्रतीत होते हैं. आप अरूसा आलम के खिलाफ इस तथाकथित जांच पर अपना एक मन क्यों नहीं बनाते?
‘Perturbed? Have you ever seen me perturbed on any issue in all these years @Sukhjinder_INC? In fact, you seem to be perturbed and confused, if your flip flops are any indication. Why don’t you make up your mind on this so-called probe against Aroosa Alam?’: @capt_amarinder 1/3 pic.twitter.com/8Gbuj5Zmyn
— Raveen Thukral (@RT_Media_Capt) October 22, 2021
दोनों नेताओं के बीच आपसी रंजिश का लम्बा इतिहास रहा है. रंधावा अमरिंदर के खिलाफ बगावत करने वाले प्रमुख कांग्रेसी नेताओं में से एक थे. उन्होंने लगभग तीन दर्जन विधायकों को इकट्ठा करते हुए अमरिंदर को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी.
बुधवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए रंधावा ने कहा था कि उन्होंने डीजीपी इकबालप्रीत सिंह सहोता से पाकिस्तान की बदनाम ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के साथ अरूसा आलम के कथित संबंधों के विवरण की जांच करने के लिए कहा है. उन्होंने यह भी कहा कि वह और कांग्रेस के कुछ अन्य वरिष्ठ नेता पिछले साढ़े चार साल से मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में अरूसा के आने और रहने पर आपत्ति जता रहे थे.
उन्होंने यह भी कहा कि अमरिंदर पाकिस्तान द्वारा पंजाब में परेशानी पैदा करने की चाल से बहुत चिंतित हैं, जिसके लिए उन्होंने पंजाब में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़वा दिया है. फिर उन्होंने सवाल किया, ‘लेकिन उस पाकिस्तानी का क्या जो उनके घर में रहता है?’
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अरूसा और अमरिंदर
अरूसा पूर्व मुख्यमंत्री की बहुत करीबी दोस्त मानी जाती हैं और दोनों एक-दूसरे को तब से जानते हैं जब अमरिंदर ने पहली बार पंजाब के मुख्यमंत्री (2002-07) का पद संभाला था.
अरूसा उस समय साउथ एशिया फ्री मीडिया एसोसिएशन (साफमा) की अध्यक्ष थीं और उन्होंने पंजाब का दौरा करना शुरू कर दिया था. हालांकि 2004 में अमरिंदर के उनसे इस्लामाबाद में मिलने और उन्हें पटियाला आने के लिए आमंत्रित जाने की खबरें आती रही हैं, लेकिन एक साल बाद दोनों को जालंधर में एक समारोह में सार्वजनिक रूप से एक साथ देखा गया जहां अमरिदर ने अरूसा को सम्मानित किया था.
अमरिंदर के सत्ता से बाहर रहने के दस साल (2007-17) के लम्बे अरसे के दौरान अरूसा उनकी निरंतर साथी बनी रही था. 2010 में अमरिंदर की किताब ‘द लास्ट सनसेट’ के विमोचन के दौरान वे दिल्ली आई थीं. 2012 में वह फिर से भारत में सार्वजनिक हुईं और उन्हें दिल्ली में इसी तरह की एक सभा में अमरिंदर के साथ देखा गया था.
2017 के विधानसभा परिणाम घोषित होने से एक महीने पहले, वह अमरिंदर की जीवनी, द पीपल्स महाराजा के विमोचन में भी शामिल हुईं थीं.
उन्होंने इस किताब के लॉन्च के समय मौजूद पत्रकारों से कहा था, ‘मेरा रिश्ता हमारे देश में भी एक संवेदनशील मुद्दा है. मैं एक मुस्लिम महिला हूं और आप जानते हैं कि वहां लोग हमारे बारे में कैसे सोचते हैं, ‘
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मुख्यमंत्री की सबसे करीबी मित्र
जब 2017 में अमरिंदर की सत्ता में वापसी हुई थी, तो अरूसा उनके शपथ ग्रहण समारोह में आने वाले पहले अति-विशिष्ट (वीवीआईपी) मेहमानों में से एक थीं.
जब वह चंडीगढ़ में रहती थीं तो वह शुरू में सीएम के ‘अनौपचारिक’ आवास में रहीं, जो कभी पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल का निवास हुआ करता था, और जो सीएम के आधिकारिक आवास के बगल में स्थित है. हालांकि बाद में जब अमरिंदर चंडीगढ़ के बाहरी इलाके में अपने फार्महाउस में रहने चले गए हुए तो वह वहां उनकी मेहमान थीं.
अमरिंदर के साढ़े चार साल के सत्ता में रहने के समय के दौरान, अरूसा पंजाब के सरकारी अधिकारीयों, उनकी पत्नियों और अमरिंदर के नजदीकी विधायकों, पूर्व विधायकों और सलाहकारों की मंडली से घिरी रहती थीं.
शिक्षा मामलो के सामाजिक कार्यकर्ता मलविंदर सिंह माली, जो थोड़े समय के लिए नवजोत सिद्धू के सलाहकार बने थे, ने इस साल अगस्त में अमरिंदर के अरूसा के साथ संबंधों पर सवाल उठाया था और उनकी तस्वीरें अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट की थीं.
सक्रिय पत्रकार नहीं रहने के कारण हाल के वर्षों से उनका चंडीगढ़ का दौरा और पहाड़ी इलाकों की उनकी यात्राएं आम बात हो गई थीं और सभी को उनकी उपस्थिति की आदत सी हो गई थी.
कौन हैं अरूसा आलम?
अरूसा, अकलीन अख्तर की बेटी हैं, जिन्हें रानी जनरल के नाम से जाना जाता था और जो पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल याह्या खान की करीबी सहयोगी थीं,
याहया खान के शासन काल में अख्तर की तूती बोलती थी और उनके पास बहुत ताकत भी रहती थी. एक पुलिस अधिकारी के साथ उनकी शादी से हुए पांच बच्चों में से एक अरूसा भी हैं. अरूसा के अन्य भाई-बहनों के बारे में बहुत कुछ पता नहीं है, सिवाय इसके कि पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान सामी उनके भतीजे हैं – उनकी मौसी के पोते.
अरूसा के खुद के दो बेटे हैं. उसका बड़ा बेटा फखर-ए-आलम बड़ी जल्दी मशहूर हो गया था. अब एक टीवी होस्ट के रूप में काम करने वाले फखर ने एक पंजाबी रैप गायक और अभिनेता के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी. उनका छोटा बेटा बैरिस्टर है. हालांकि उनके पति के बारे में कुछ ख़ास पता नहीं चल सका है.
अरूसा ने 1980 के दशक में एक पत्रकार के रूप में काम करना शुरू किया और कई सालों के दौरान सैन्य और रक्षा मामलों में विशेषज्ञता हासिल की. उन्हें अगस्ता -90बी पनडुब्बी सौदों पर 20 से अधिक ख़बरें लिखने का श्रेय दिया जाता है, जिसके कारण अंततः 1997 में पाकिस्तान के तत्कालीन नौसेना प्रमुख मंसूरुल हक की गिरफ्तारी हुई थी. इस्लामाबाद में पदस्थापित एक ब्रिटिश सैन्य अताशे ब्रिगेडियर एंड्रयू डर्कन, जिसे हनीट्रैप में फंसाया गया था, के बारे में उनके दवारा किये रहस्योद्घाटन की वजह से उसे वापस बुला लिया गया था. अरूसा पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के साथ अमेरिका गए दल की सदस्य भी थी और वह उस टीम का हिस्सा भी थी जिसने 2005 में श्रीनगर का दौरा किया था.
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