आर्यन खान की लगातार हिरासत, जेल और जमानत के लिए 20 तारीख तक फैसला न देना हास्यास्पद है. अदालत द्वारा लोगों को लगातार न्यायिक हिरासत में रखने की प्रवृत्ति की गंभीरता से जांच होनी चाहिए. ड्रग्स लेने वाले लोगों की जगह नशामुक्ति केंद्र है न कि जेल. एनडीपीएस का इस्तेमाल तस्करों पर किया जाना चाहिए न कि इसका इस्तेमाल करने वालों पर.