नई दिल्ली : राजस्थान के शिक्षा मंत्री जीएस डोटासरा का बयान काफी वायरल हो रहा है उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसी पालिसी ऐसी बना दी जिससे सेलेक्शन, में प्रमोशन में महिलाओं को प्राथिमकता दी है. लेकिन महिला कर्मचारियों का आपस में विवाद है. जहां महिला स्टाफ हैं, वहां प्रधानाचार्य या शिक्षक ‘सेरेडॉन’ लेते हैं.
#WATCH | Govt introduced policy for women. They're given priority.But female staff have conflicts among themselves. Where there's female staff, either Principal or teachers take 'Saridon'. If they overcome this, they'll be ahead of men: Rajasthan Education Min GS Dotasara (11.10) pic.twitter.com/CqQnkk1Nvz
— ANI (@ANI) October 13, 2021
शिक्षा मंत्री जीएस डोटासरा ने कहा कि महिलाएं अगर छोटे-मोटे झगड़े को ठीक कर लेंगी तो हमेशा खुद को पुरुष से आगे पाएंगी.
ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी भी नेता ने महिलाओं के प्रति ऐसा बयान दिया है.
राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा – राजस्थान के शिक्षा मंत्री बेतुका बयान दे रहे हैं. वे ऐसे बयान देकर महिलाओं की क्षमता पर सवालिया निशान लगा रहे हैं. शिक्षा मंत्री होकर महिलाओं के ऊपर ऐसा तंज कसना यह शर्मनाक है.
कुछ दिन पहले कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा था कि, मॉडर्न महिलाएं बच्चे पैदा नहीं करना चाहती, सिंगल रहना चाहती हैं.
#WATCH | …Today we don't want our parents to live with us. A lot of modern women in India want to stay single. Even if they get married, don't want to give birth. Paradigm shift in our thinking,it's not good: Karnataka Health Min on World Mental Health Day,at NIMHANS, Bengaluru pic.twitter.com/LkX7Ab7Sks
— ANI (@ANI) October 10, 2021
उनके इस बयान को नारी विरोधी करार दिया जा गया था और सोशल मीडिया पर इसकी बहुत आलोचना हुई थी.
हालांकि, इस बयान के बाद के सुधाकर ने सफाई दी थी, उन्होंने कहा था कि मेरा महिलाओं को टारगेट करने का कोई इरादा नहीं था.