नई दिल्ली: पाकिस्तान के जाने-माने परमाणु वैज्ञानिक डॉ अब्दुल कादिर खान का रविवार को इस्लामाबाद में 85 साल की उम्र में निधन हो गया. कादिर खान को पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का जनक माना जाता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार कादिर खान की तबियत शनिवार से बिगड़ रही थी जिसके बाद उन्हें रविवार सुबह केआरएल अस्पताल ले जाया गया. बताया जा रहा है कि फेफड़ों की बीमारी के कारण उनका निधन हुआ है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट कर अब्दुल कादिर खान की मृत्यु पर दुख जताया. उन्होंने कहा, ‘हमें परमाणु हथियार संपन्न देश बनाने में उनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण हमारा देश उन्हें प्यार करता है. पाकिस्तान के लोगों के लिए वह एक राष्ट्रीय प्रतीक थे.’
उन्होंने कहा, ‘उन्हें उनकी इच्छा के अनुसार फैसल मस्जिद में दफनाया जाएगा. मेरी संवेदना और प्रार्थना उनके परिवार के साथ है.’
He will be buried in Faisal Mosque as per his wishes. My condolences & prayers go to his family.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) October 10, 2021
हाल ही में कादिर खान ने पाकिस्तान की इमरान खान सरकार पर आरोप लगाया था कि उनके स्वास्थ्य को लेकर कोई उनका हालचाल नहीं पूछ रहा है.
जर्मनी और भारत में पाकिस्तान के राजदूत रहे अब्दुल बासित ने ट्वीट कर कहा कि डॉ अब्दुल कादिर खान नहीं रहे. उन्होंने कहा, ‘अल्लाह उनकी आत्मा को शांति दे. पाकिस्तान के लिए की गई उनकी सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा.’
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परवेज़ खट्टक ने ट्वीट कर कहा, ‘डॉ अब्दुल कादिर खान के निधन से दुखी हूं. उनके योगदान के लिए पाकिस्तान उन्हें हमेशा याद रखेगा.’
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कहा कि डॉ अब्दुल कादिर खान का जाना देश के लिए बड़ी क्षति है.
Today the nation has lost a true benefactor who served the motherland with heart and soul. The passing of Dr Abdul Qadeer Khan is a huge loss for the country. His role in making Pakistan an atomic power remains central. May Allah shower his blessings on his soul!
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) October 10, 2021
कादिर खान का जन्म भारत के मध्य प्रदेश के भोपाल में 1936 में हुआ था लेकिन 1947 में बंटवारे के बाद उनके परिवार ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया था. कादिर खान का परिवार मूल रूप से पख्तूनी है. उनके पिता अब्दुल गफ्फूर स्कूल में टीचर थे और उनकी मां गृहिणी थी.
खान ने कराची यूनिवर्सिटी से मैटेलर्जी में स्नातक किया था.
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पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक
अब्दुल कादिर खान उस वक्त चर्चा में आए थे जब पाकिस्तान ने 1998 में पहले एटम बम का परीक्षण किया था. उसी वक्त भारत ने भी पोकरण में परमाणु परीक्षण किया था.
कादिर खान इस्लामाबाद में भारी सुरक्षा के बीच रहते थे. खान कई विवादों में भी रह चुके हैं. उनपर परमाणु तकनीक दूसरे देशों को देने का आरोप भी लग चुका है.
कादिर के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया को एटम बम बनाने में मदद की थी.
दूसरे देशों को परमाणु तकनीक देने के लिए कादिर खान को 2004 में गिरफ्तार भी किया गया था. जिसके बाद उन्हें 2009 तक नजरबंद कर के रखा गया था.
एक रिपोर्ट के अनुसार अब्दुल कादिर खान का 2004 में वैश्विक परमाणु प्रसार घोटाले में नाम आया था. तत्कालीन सेना प्रमुख और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ द्वारा परमाणु सामग्री के प्रसार नेटवर्क चलाने का उनपर आरोप लगाया था.
मुशर्रफ की घोषणा के कुछ ही समय बाद, खान द्वारा एक रिकॉर्डेड इकबालिया बयान प्रसारित किया गया था जिसमें उन्होंने सभी परमाणु प्रसार के लिए पूरी तरह से जिम्मेदारी ली थी.
पाकिस्तान में कादिर खान को परमाणु हथियार बनाने के लिए काफी सराहा जाता है वहीं पश्चिमी देश उन्हें एक खतरे के तौर पर देखते थे.
कादिर खान पाकिस्तान के एकमात्र शख्सियत हैं जिन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से दो बार सम्मानित किया गया है.
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सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
परमाणु वैज्ञानिक डॉ अब्दुल कादिर खान के निधन के बाद सोशल मीडिया पर लगातार लोगों की प्रतिक्रिया आ रही हैं.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने भी उनकी मृत्यु पर दुख जताया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘उन्हें 1982 से जानता था. उन्होंने राष्ट्र को बचाने वाली परमाणु प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में हमारी मदद की और राष्ट्र इस संबंध में उनकी सेवाओं को कभी नहीं भूलेगा.’
انا للّٰہ وانا الیہ راجعون
Deeply saddened to learn about the passing of Dr. Abdul Qadeer Khan. Had known him personally since 1982.
He helped us develop nation-saving nuclear deterrence, and a grateful nation will never forget his services in this regard. May Allah bless him.— Dr. Arif Alvi (@ArifAlvi) October 10, 2021
पाकिस्तान के प्लानिंग और डेवलेपमेंट मंत्री असद उमर समेत कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और पाकिस्तान के लिए उनके योगदान को सराहा.
پاکستان کو نا قابل تسخیر بنانے میں ڈاکٹر عبدالقدیر خان نے کلیدی کردار ادا کیا. اللہ ان کو جنت الفردوس میں اعلیٰ مقام عطا فرمائے.
— Asad Umar (@Asad_Umar) October 10, 2021
إِنَّا لِلّهِ وَإِنَّـا إِلَيْهِ رَاجِعونَ
Deeply grieved at the sad demise of Dr Abdul Qadeer Khan. Great loss! Pakistan will forever honor his services to the nation! Nation is heavily indebted to him for his contributions in enhancing our defence capabilities.— Pervez Khattak (@PervezKhattakPK) October 10, 2021
Dr Abdul Qadeer Khan is no more. May Allah bless him highest rank in Jannah. He was true National Hero of Pakistan.#DrAbdulQadeerKhan pic.twitter.com/DLktIaaSLN
— Fazal Abbas (@_AbbasFazal) October 10, 2021
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