बुलंदशहर: वह चाहती थी कि दो बार दिल का दौरा पड़ने के बाद उसके पिता ऑटो रिक्शा चलाना बंद कर दें. उसे हर माह के अंत में छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए मां के सामने पेश आने वाली मुश्किलें कतई पसंद नहीं थीं. उसे लगता था कि पैसे कमाने से ही उसके परिवार की सभी समस्याओं का समाधान निकलेगा, और अच्छी नौकरी पाने का एकमात्र तरीका कड़ी मेहनत से पढ़ाई करना ही है.
इसलिए उसने अपनी कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अंग्रेजी कोचिंग कक्षाएं लेने का फैसला किया. वह टीचर बनना चाहती थी, लेकिन अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाई.
1 अक्टूबर को दोपहर करीब 1.20 बजे यूपी में बुलंदशहर के एक दलित परिवार की 16 वर्षीय लड़की के पिता के पास फोन आया कि वह मुख्य सड़क के पास बेहोश पड़ी मिली है. अपनी ट्यूशन क्लास के लिए जा रही लड़की पर कथित तौर पर किसी ने हमला किया था. कुछ मिनट बाद ही उसे अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया.
लड़की के पिता ने बताया कि ‘उसने बस बोर्ड परीक्षा के लिए क्लास ज्वाइन किया था, उसके स्कूल की ही टीचर थी. अभी एक महीना ही हुआ था.
उन्होंने कहा, ‘साइकिल लेकर जाती थी लेकिन उस दिन नहीं ले गई, बोली कि मेन रोड से टेम्पो ले लूंगी.’
जिस दिन पीड़िता का शव बुलंदशहर जिले के किर्रा गांव स्थित उसके घर पहुंचा तब से उसकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है. मां यही बात दोहराती रहती है, ‘पढ़ने गई थे…सारा काम करके… मार दिया उसको. अब क्या बेटी पढ़ने भी नहीं जा सकती.’
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मामले की जांच के लिए 6 टीमें गठित
घर से महज 600-700 मीटर दूर सड़क किनारे कीचड़ में पड़ी मिली दलित लड़की के परिवार और आस-पास के लोगों को समझ नहीं आ रहा कि वे किस व्यक्ति पर संदेह करें.
उनका कहना है कि उन्हें इसका कोई अनुमान नहीं है कि कोई लड़की जब दिन के उजाले में कोचिंग जा रही थी तो कोई उसे क्यों मारेगा. वे बस इतना चाहते हैं कि संदिग्ध को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.
लड़की की मां ने कहा, ‘किसके दिमाग में क्या चल रहा होगा हमें नहीं पता, जिसने भी मारा हो, हमारा जानने वाला ही क्यों न हो, वो बस जल्द से जल्द पकड़ा जाए.’
पुलिस ने बताया कि लड़की के शव की एटॉप्सी से मौत का कारण सिर पर चोट लगना होने की पुष्टि हुई है लेकिन किसी यौन हमले के कोई संकेत नहीं मिले हैं. भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है. उसका स्कूल बैग, किताबें और मोबाइल फोन पुलिस के कब्जे में है.
घटना के 72 घंटे घंटे बीत जाने के बावजूद फॉरेंसिक रिपोर्ट का अभी इंतजार किया जा रहा है, और आरोपियों की पहचान किया जाना भी बाकी है.
सूत्रों ने बताया कि संदिग्ध के तौर पर लगभग 12 लोगों की पहचान की गई है, लेकिन उनमें से किसी के भी खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है. वे सभी लड़की को जानते थे, और या तो किर्रा या फिर आसपास के किसी गांव के रहने वाले हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘सभी लड़कों ने कहा कि वे लड़की को जानते थे और अक्सर फोन पर बातें करते थे या फिर मिलते थे लेकिन उनमें से कोई भी उस घटना के बारे में कुछ नहीं जानता. उन सभी की उम्र 18 से 22 वर्ष के बीच है.’
एसएसपी बुलंदशहर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए छह टीमों का गठन किया गया है.
ऊपर उद्धृत सूत्र ने कहा, ‘किर्रा गांव के तीन अन्य विवाहित पुरुषों के नाम भी सामने आए हैं.’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमें संदेह है कि कोई ऐसा व्यक्ति है जिसका अतीत में उसके साथ कोई प्रेम संबंध रहा था या फिर इस समय कोई प्रेम प्रसंग चल रहा था.’
पुलिस ने 1 अक्टूबर को एक व्यक्ति को प्राथमिक संदिग्ध के रूप में हिरासत में लिया था, जिसके बारे में उसी दंपत्ति ने संदेह जताया था जिसने सड़क पर लड़की को बेहोश पड़ा देखकर पीसीआर कॉल की थी.
सूत्र ने कहा, ‘पति ने कहा था कि उसने लाल टी-शर्ट पहने एक आदमी को लड़की को मारते देखा, हालांकि उसकी पत्नी ने कहा था कि उन लोगों ने ऐसा कुछ तो नहीं देखा लेकिन उन्होंने किसी को उस जगह से भागते जरूर देखा था. उन्होंने किसी आरोपी की पहचान भी नहीं की है.’
पुलिस हिरासत में लिए गए व्यक्ति की उम्र 30 साल से कुछ ऊपर है और उसके दो बच्चे हैं. पुलिस के मुताबिक, वह एक ड्रग एडिक्ट है जिसने शुरू में पुलिस से बचने की कोशिश की थी. पुलिस ने कहा कि उसने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वह इसलिए भागा क्योंकि उसके पास गांजा था.
एसएसपी सिंह ने कहा, ‘उसे पकड़ने के लिए नौ किलोमीटर तक पीछा किया गया था लेकिन अब हर कोई कह रहा है कि उन्होंने लाल टी-शर्ट पहने जिस व्यक्ति को भागते देखा था वह यह नहीं है.’
पुलिस ने यह भी बताया कि उन्होंने लड़की के कॉल रिकॉर्ड के आधार पर संदिग्धों की एक सूची भी तैयार की है.
एसएसपी सिंह ने कहा, ‘हमारे पास उसका (पीड़िता का) फोन है. हमें संदेह है कि इसके पीछे ऐसे किसी व्यक्ति का हाथ है जिसे वह अच्छी तरह जानती थी. कॉल डिटेल रिकॉर्ड के आधार पर हमने संदिग्धों के नामों की सूची बनाई है.’
परिजनों ने परिवार के लिए मुआवजा मांगा
वहीं, किर्रा गांव में 16 वर्षीय छात्रा के घर पर उसके रिश्तेदारों ने कहा कि परिवार को मुआवजा दिया जाना चाहिए.
उसकी चाची ने कहा, ‘सभी की उम्मीदें उस पर टिकी हुई थीं. उसके पिता के लिए कोई भी काम कर पाना मुश्किल है, उसकी मां की भी दो बार सर्जरी हो चुकी है और वह अस्वस्थ रहती हैं. उसके दो छोटे भाइयों का क्या होगा?’
उनके एक कमरे के घर में पीड़िता की किताबें और एक स्कूल प्रोजेक्ट बिस्तर पर पड़ा है. चाची ने बताया, ‘उसे मेहंदी लगाना पसंद था…अगस्त में अपने चचेरे भाई की शादी से पहले उसने यूट्यूब के जरिये इसे सीखा थी. वह बहुत सुंदर मेहंदी लगाती थी.’
आंगन में उसके दोनों छोटे भाई—पांच और 11 वर्ष की आयु के—अपनी मां के बगल में बैठे हैं. वे जानते हैं कि उनकी बहन अब कभी वापस नहीं आएगी.
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