नई दिल्ली: एआई विनिवेश मामले में भारत सरकार द्वारा वित्तीय बोलियों के अनुमोदन का संकेत देने वाली मीडिया रिपोर्ट गलत हैं. सचिव, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग, भारत सरकार ने कहा सरकार के निर्णय के बारे में मीडिया को सूचित किया जाएगा जब भी यह लिया जाएगा.
Media reports indicating approval of financial bids by Government of India in the AI disinvestment case are incorrect. Media will be informed of the Government decision as and when it is taken: Secretary, Department of Investment and Public Asset Management, GoI pic.twitter.com/PoWk7UceF5
— ANI (@ANI) October 1, 2021
वहीं इससे पहले खबर थी कि सरकार ने एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिये टाटा समूह और स्पाइसजेट के संस्थापक की वित्तीय बोलियों का मूल्यांकन शुरू किया है.
इसके साथ सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी के निजीकरण की प्रक्रिया अगले चरण में बढ़ गयी है. सरकार सौदे को जल्दी पूरा करने को इच्छुक है.
बतौर जानकारी अघोषित आरक्षित मूल्य के आधार पर वित्तीय बोलियों का मूल्यांकन किया जा रहा है. जिस बोली में मानक मूल्य से अधिक कीमत पेश की गयी होगी, उसे स्वीकार किया जाएगा.
टाटा की बोली अगर सफल होती है तो एयर इंडिया 67 साल बाद नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले समूह के पास वापस चली जाएगी.
उल्लेखनीय है कि टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था. सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण कर दिया.
टाटा पहले से सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर विमानन सेवा विस्तार का परिचालन कर रही है. अभी यह साफ नहीं है कि समूह ने स्वयं या एयर एशिया इंडिया के जरिये बोली लगायी है.
ऐसा कहा जाता है कि सिंगापुर एयरलाइंस निजीकरण की प्रक्रिया में शामिल होने को लेकर उत्सुक नहीं है.
सरकार एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है. इसमें एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एआई एक्सप्रेस लि. और 50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. शामिल हैं.
(भाषा और एएनआई के इनपुट्स के साथ)