नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को याद किया और कहा कि 41 साल बाद हॉकी में जान आई है.
उन्होंने कहा कि कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता तब तक भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है और इस बार ओलंपिक मे चार दशक के बाद हॉकी का पदक मिला है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस बार ओलंपिक ने बहुत बड़ा प्रभाव पैदा किया है. ओलंपिक के खेल पूरे होने के बाद अभी पैरालंपिक चल रहा है. देश को हमारे इस खेल जगत में जो कुछ भी हुआ, विश्व की तुलना में भले कम होगा, लेकिन विश्वास भरने के लिए तो बहुत कुछ हुआ.’ उन्होंने ‘अब खेलें भी और खिलें भी ‘ जैसा नया नारा भी दिया.
प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात कार्यक्रम का यह 80वां एपिसोड था.
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‘आज का युवा नए रास्ते बनाना चाहता है’
मोदी ने कहा, ‘युवा का मन बदल चुका है, जब खेल-कूद की बात होती है न, तो स्वाभाविक है हमारे सामने पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है, और जब युवा पीढ़ी की तरफ गौर से देखते हैं तो कितना बड़ा बदलाव नजर आ रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘आज का युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है. वो नए रास्ते बनाना चाहता है. अनजान जगह पर कदम रखना चाहता है. मंजिल भी नई, लक्ष्य भी नए, राह भी नई और चाह भी नई.’
पीएम मोदी ने कहा कि अभी कुछ समय पहले ही भारत ने अपने स्पेस सेक्टर को ओपन किया और देखते ही देखते युवा पीढ़ी ने उस मौके को पकड़ लिया और इसका लाभ उठाने के लिए कॉलेजों के स्टूडेंट्स, यूनिवर्सिटी, प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले नौजवान बढ़-चढ़कर आगे आए हैं.
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‘हमारी संस्कृत भाषा सरस भी है, सरल भी है’
नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृत भाषा सरस भी है और सरल भी है. उन्होंने कहा,
‘संस्कृत अपने विचारों, अपने साहित्य के माध्यम से ज्ञान, विज्ञान और राष्ट्र की एकता का भी पोषण करती है, उसे मजबूत करती है.’
उन्होंने कहा, ‘संस्कृत साहित्य में मानवता और ज्ञान का ऐसा ही दिव्य दर्शन है जो किसी को भी आकर्षित कर सकता है.
हाल के दिनों में जो प्रयास हुए हैं, उनसे संस्कृत को लेकर एक नई जागरूकता आई है. अब समय है कि इस दिशा में हम अपने प्रयास और बढाएं.’
तमिलनाडु में कचरे से बन रही बिजली
पीएम मोदी ने बताया कि तमिलनाडु के शिवगंगा जिले की काजिरंगा पंचायत ने वेस्ट से वेल्थ के मॉडल का उदाहरण पेश किया है.
उन्होंने कहा, ‘यहां पंचायत ने स्थानीय लोगों के साथ कचरे से बिजली बनाने का एक लोकल प्रोजेक्ट अपने गांव में लगाया है. पूरे गांव से कचरा एकत्रित होता है. उससे बिजली बनती है. बाद में बचे हुए प्रोडक्ट को कीटनाशक के तौर पर बेच दिया जाता है.’
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि देश में अब तक 62 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. फिर भी हमें सतर्कता रखनी है.
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