नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य अश्विनी उपाध्याय और सात लोगों को गिरफ्तार किया है. उन पर जंतर-मंतर पर 8 अगस्त को एक रैली के दौरान मुस्लिम विरोधी नारे लगाने का आरोप है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने दिप्रंट को ये जानकारी दी.
सुप्रीम कोर्ट के वकील और दिल्ली बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता उपाध्याय और सेव इंडिया फाउंडेशन संस्था के निदेशक प्रीत सिंह को इस कार्यक्रम के आयोजकों के तौर पर हिरासत में लिया गया है, जो ‘औपनिवेशिक समय के कानून’ के खिलाफ किसानों को ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ के तहत आयोजित किया गया था.
सोमवार को सभा का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद, उपाध्याय ने कथित नारे लगाने वाले लोगों की संलिप्तता और जानकारी से इनकार किया.
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम विरोधी नारेबाजी से संबंधी एक वीडियो के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने अधिवक्ता और भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत छह लोगों को हिरासत में लिया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार छह लोगों को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में विभिन्न इलाकों से हिरासत में लिया गया है. उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में उनकी भूमिकाओं की पुष्टि की जा रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
यहां जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम विरोधी नारे लगाने संबंधी एक वीडियो के सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित होने के बाद दिल्ली पुलिस ने सोमवार को इस संबंध में मामला दर्ज किया. ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ की ओर से रविवार को जंतर मंतर पर आयोजित प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए थे.
‘भारत जोड़ो आंदोलन’ की प्रवक्ता शिप्रा श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदर्शन उपाध्याय के नेतृत्व में हुआ था. हालांकि उन्होंने मुस्लिम विरोधी नारे लगाने वालों से किसी प्रकार के संबंध से इनकार किया है.
श्रीवास्तव ने कहा, ‘औपनिवेशिक कानूनों के विरोध में आयोजित प्रदर्शन के दौरान 222 ब्रिटिश कानूनों को खत्म करने की मांग की गई थी. हमने वीडियो देखा है लेकिन यह नहीं पता कि वे कौन हैं. नारे लगाने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करे.’ उपाध्याय ने भी मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की घटना में शामिल होने से इनकार किया.
उन्होंने कहा, ‘मैंने वीडियो की जांच के लिए दिल्ली पुलिस को शिकायत सौंपी है. अगर वीडियो प्रामाणिक है तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.’ उपाध्याय ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि वे कौन हैं. मैंने उन्हें कभी नहीं देखा, न ही मैं उनसे कभी मिला हूं और न ही उन्हें वहां बुलाया था. जब तक मैं वहां था, वे वहां नजर नहीं आए. अगर वीडियो फर्जी है, तो ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ को बदनाम करने के लिए यह दुष्प्रचार किया जा रहा है.’
वीडियो में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों का एक समूह भड़काऊ नारे लगाते और मुसलमानों को धमकाते हुए दिख रहा है. पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) दीपक यादव ने कहा, ‘हमें एक वीडियो मिला है और हम इसकी जांच कर रहे हैं. कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है.’
(दिप्रिंट की रिपोर्टर बिस्मी तसकीन और भाषा के इनपुट्स के साथ)