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Thursday, 21 November, 2024
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असम-मिजोरम हिंसा पर राहुल का शाह पर हमला, बोले- अविश्वास का बीज बोकर देश को फिर निराश किया

असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के अचानक बढ़ने के दौरान हुई हिंसक झड़प में असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक समेत 60 अन्य घायल हो गए.

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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने असम-मिजोरम सीमा विवाद के अचानक बढ़ने से भड़की हिंसा में कई लोगों के मारे जाने पर दुख जताते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह ने ‘ लोगों के जीवन में घृणा और अविश्वास का बीज बोकर ’ एक बार फिर देश को निराश किया है.

उन्होंने हिंसा से जुड़ा एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘जो लोग मारे गए हैं, उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है. मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’

कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘गृह मंत्री ने लोगों के जीवन में घृणा और अविश्वास का बीज बोकर एक बार फिर देश को निराश किया है. भारत अब भयावह नतीजों से दोचार हो रहा है.’

सीएम घायलों से मिले, संघर्ष में मारे गए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी

वहीं दूसरी तरफ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सिलचर में कल असम-मिजोरम सीमा संघर्ष में मारे गए  पुलिसकर्मियों को पुष्पांजलि अर्पित की और श्रद्धांजलि दी. इससे पहले सीएम सिलचर मेडिकल कॉलेज पहुंचे और उन्होंने वहां पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की.

इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों से घायल जवानों और अधिकारियों का बेहतरीन इलाज करने का निर्देश दिया वहीं गंभीर रूप से घायलों को प्राथमिकता के आधार पर एयर एंबुलेंस से उच्च स्तरीय इलाक के लिए भेजने को कहा.

गौरतलब है कि असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के अचानक बढ़ने के दौरान हुई हिंसक झड़प में असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक समेत 60 अन्य घायल हो गए. दोनों पक्षों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे की पुलिस को जिम्मेदार ठहराया और केंद्र के दखल की मांग की.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की और उनसे विवादित सीमा पर शांति बहाल करने कहा है.

इससे पहले, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया था कि झड़प में छह पुलिसकर्मियों की मौत हुई. बाद में सोमवार देर रात असम सरकार ने एक बयान में मृतक संख्या में संशोधन किया और कहा कि पांच पुलिसकर्मियों की मौत हुई जबकि 50 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं.

असम के कछार जिले के अधिकारियों ने कहा कि संघर्ष में 10 अन्य लोग भी जख्मी हुए हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्रमशः असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों, हिमंत बिस्वा सरमा और जोरमथांगा से बात की और उनसे विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह किया.

अमित शाह ने पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में सीमा विवादों को सुलझाने की आवश्यकता को रेखांकित किया था जिसके दो दिन बाद यह घटना सामने आई है.

असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रधानाचार्य बाबुल बेजबरुआ ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कम से कम 50 घायल पुलिसकर्मियों को भर्ती कराया गया है, जिन्हें गोली लगी है.

उन्होंने कहा कि अस्पताल में घायलों का आना जारी है और करीब 10 और घायलों को पास के ही धोलाई के अस्पताल में भर्ती किया गया है, जिनमें से अधिकतर पुलिसकर्मी हैं.

फरवरी 2020 में भी हुई थी झड़प

असम के बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं. एक क्षेत्रीय विवाद के बाद, इस साल अगस्त 2020 और फरवरी में अंतर-राज्यीय सीमा पर झड़पें हुईं.

पूर्व में असम के मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर घोषणा की थी कि कछार जिले में अंतर-राज्यीय सीमा पर मिजोरम की ओर से ‘उपद्रवियों’ द्वारा की गई गोलीबारी में असम पुलिस के छह जवान मारे गए.

हालांकि, मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने एक बयान में कहा कि असम के 200 से अधिक पुलिसकर्मियों ने सीआरपीएफ की चौकी पार कर आगजनी, हमला और निहत्थे लोगों पर गोलीबारी की, जिसके बाद मिजोरम पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की.

असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीमा पार से उपद्रवियों ने उस समय अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जब दोनों पक्षों के नागरिक अधिकारी मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे थे.

अधिकारी ने फोन पर कहा, ‘मैं तत्काल यह नहीं बता सकता कि कितने लोग घायल हुए हैं, लेकिन मेरा अनुमान है कि कम से कम 50 कर्मी घायल हुए. गोलीबारी में हमारे एसपी भी घायल हो गए और एक गोली उनके पैर में लगी.’

आईपीएस अधिकारी जब फोन पर बात कर रहे थे तब वह जंगल के अंदर छिपे हुए थे और पीछे से गोलीबारी की आवाज सुनाई दे रही थी.

शाम के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों से दोनों राज्यों के बीच चल रहे सीमा विवाद पर बात की और उनसे विवाद का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने को कहा. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों ने बताया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा के साथ टेलीफोन पर अलग-अलग बातचीत के दौरान शाह ने उनसे अंतरराज्यीय सीमा पर शांति बनाए रखने को कहा. गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि सीमा विवाद को आपसी सहमति से हल करें.

दोनों मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्री को आश्वासन दिया है कि शांति सुनिश्चित करने और सीमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.

इसके तुरंत बाद, मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने अपने बयान में कहा कि शाह के हस्तक्षेप के बाद, असम पुलिस उस जगह से हट गई है और ड्यूटी पोस्ट सीआरपीएफ कर्मियों को वापस सौंप दी गई है.

कांग्रेस ने असम-मिजोरम सीमा पर हिंसा को लेकर भाजपा पर निशाना साधा.

कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि यह बहुत चिंता का विषय है कि एक ओर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ट्विटर पर खुलेआम बहस कर रहे थे, दूसरी ओर तनाव बढ़ रहा था.

पार्टी ने पूछा, ‘ कल (रविवार को) गृह मंत्री ने अंतरराज्यीय सीमा विवाद के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की थी. उनके बीच क्या हुआ? सीमा विवादों को कम करने के लिए क्या नीतियां अपनाई गईं?’

इससे पहले, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए और एक-दूसरे की पुलिस को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया. दोनों ने केंद्र से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा से बात की है और उनकी पुलिस शांति बनाए रखेगी.

असम सरकार के बयान में कहा गया, ‘बेहद भारी मन से हम यह बता रहे हैं कि जिसे मिजोरम द्वारा असम की तरफ से घुसपैठ और आक्रमकता करार दिया जा रहा है उसमें असम पुलिस के पांच कर्मियों की मौत हो चुकी है (शुरुआती खबरों के मुताबिक छह जिसकी पुष्टि अभी की जा रही है).’

जोरमथांगा ने असम पुलिस पर लाठीचार्ज करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के आरोप लगाए जबकि असम की पुलिस ने दावा किया कि मिजोरम से बड़ी संख्या में ‘उपद्रवियों’ ने पथराव किया और असम सरकार के अधिकारियों पर हमला किया.

मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक (उत्तरी रेंज) लालबियाकथांगा खियांगते ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि विवादित क्षेत्र में ऐटलांग नदी के पास कम से कम आठ झोपड़ियों में रविवार की रात साढ़े 11 बजे आग लगा दी गई. उन्होंने बताया कि इन झोपड़ियों में कोई नहीं था. उन्होंने बताया कि ये झोपड़ी असम के नजदीकी सीमावर्ती गांव वायरेंगटे के किसानों की है.

असम के स्थानीय लोगों ने आरोप लगाए कि अपराधी लाठी, डंडे, लोहे की छड़ और राइफल लिए हुए थे और उन्होंने ललितपुर में असम पुलिस के कर्मियों पर हमला किया और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसमें उपायुक्त कार्यालय के वाहन भी शामिल थे.

जोरमथांगा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें असम के पुलिसकर्मियों और डंडे लिए हुए युवकों के समूह के बीच संघर्ष हो रहा है.

उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यालय, सरमा और असम के कछार जिले के अधिकारियों को टैग करते हुए लिखा, ‘अमित शाह जी…कृपया मामले को देखें. इसे तुरंत रोकने की जरूरत है.’

जोरमथांगा ने एक अन्य ट्वीट में कछार से मिजोरम लौट रहे एक ‘निर्दोष दंपति’ पर कथित हमले की बात भी कही. उन्होंने पूछा, ‘इन हिंसक कृत्यों को आप कैसे उचित ठहरा सकते हैं?’

असम पुलिस ने मिजोरम के मुख्यमंत्री के आरोपों का प्रतिवाद करते हुए कहा कि मिजोरम के लोगों ने इसके कर्मियों पर हमला किया और पथराव किया.

इसने ट्वीट किया, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मिजोरम से काफी संख्या में बदमाशों ने पथराव किया और असम सरकार के अधिकारियों पर हमले किए, जो ललितपुर में असम की जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए ठहरे हुए हैं.’

असम पुलिस ने भी कहा, ‘हम तोड़फोड़ की इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं और असम की सीमा की रक्षा करने के अपने संकल्प को दोहराते हैं.’

असम के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘माननीय मुख्यमंत्री जोरमथांगा जी कोलासिब (मिजोरम) के पुलिस अधीक्षक हमसे अपनी चौकियों से हट जाने के लिए कह रहे हैं, अन्यथा उनके नागरिक न तो सुनेंगे, न ही हिंसा रोकेंगे.’

एक वीडियो ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, ‘इस तरह की परिस्थितियों में हम सरकार कैसे चलाएंगे? उम्मीद है अमित शाह, प्रधानमंत्री कार्यालय जल्द से जल्द हस्तक्षेप करेंगे.’

सरमा ने कहा कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री से बात की है और कहा कि असम पुलिस सीमा पर यथास्थिति तथा शांति बनाए रखेगी.

उन्होंने कहा, ‘मैंने तुरंत माननीय मुख्यमंत्री जोरमथांगा जी से बात की. मैंने कहा है कि असम सीमा पर यथास्थिति तथा शांति बनाए रखेगा. मैंने आइजोल का दौरा करने और जरूरत पड़ने पर इन मुद्दों पर चर्चा करने की इच्छा जताई है.’

बहरहाल जोरमथांगा ने फिर ट्वीट किया, ‘प्रिय हिमंत जी, माननीय अमित शाह जी द्वारा मुख्यमंत्रियों के साथ सौहार्दपूर्ण बैठक के बाद आश्चर्यजनक रूप से असम पुलिस की दो कंपनियां नागरिकों के साथ पहुंचीं और मिजोरम के अंदर आज वेयरेंगटे ऑटो रिक्शा स्टैंड पर मौजूद नागरिकों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. उन्होंने सीआरपीएफ कर्मियों/मिजोरम पुलिस से भी संघर्ष किया.’

मिजोरम के मुख्यमंत्री ने सरमा से अपील की कि असम पुलिस को निर्देश दें कि वह वायरेंगटे से हट जाए. असम में फिलहाल भाजपा की सरकार है जबकि मिजोरम में भाजपा नीत पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) में शामिल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है.


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