डब्ल्यूएचओ की कोरोनावायरस जांच में भाग नहीं लेने का चीन का निर्णय बहुत ही निराशाजनक है. चीनी प्रयोगशालाएं और अनुसंधान केंद्र जहां 2019 में पहले ह्यूमन केस सामने आए थे, उनका ऑडिट और अध्ययन करने की आवश्यकता है. बीजिंग की अकर्मण्यता केवल इस संदेह को मजबूत करती है कि वह सच छुपा रहा है.