scorecardresearch
Saturday, 16 November, 2024
होमविदेश'पाकिस्तान से 10,000 जिहादी अफगानिस्तान में घुसे' ताशकंद सम्मेलन में इमरान पर बरसे राष्ट्रपति गनी

‘पाकिस्तान से 10,000 जिहादी अफगानिस्तान में घुसे’ ताशकंद सम्मेलन में इमरान पर बरसे राष्ट्रपति गनी

गनी ने कहा, पाकिस्तान शांति वार्ता में हिस्सा लेने के लिए तालिबान को प्रभावित करने और आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों को रोकने के आश्वासन को पूरा करने में नाकाम रहा है.

Text Size:

नई दिल्ली: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ताशकंद में हो रहे एक क्षेत्रीय सम्मेलन में अफगानिस्तान में विदेशी आतंकवादियों के प्रवेश और तालिबान को शांति वार्ता में गंभीरता से शामिल होने के लिए प्रभावित करने में नाकाम रहने को लेकर पाकिस्तान की शुक्रवार को जम कर आलोचना की.

गनी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, चीनी विदेश मंत्री वांग यी, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और कई अन्य देशों के नेताओं और प्रतिनिधियों की उपस्थिति में पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की.

‘मध्य और दक्षिण एशिया: क्षेत्रीय संपर्क, चुनौतियां और अवसर’ पर सम्मेलन में गनी ने कहा, ‘खुफिया अनुमान संकेत देते हैं कि पिछले महीने पाकिस्तान और अन्य स्थानों से 10,000 से अधिक जिहादी लड़ाके (अफगानिस्तान में) दाखिल हुए हैं.’

शांतिवार्ता नाकाम

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान शांति वार्ता में हिस्सा लेने के लिए तालिबान को प्रभावित करने और आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों को रोकने के आश्वासन को पूरा करने में नाकाम रहा है.

तालिबान पिछले कुछ हफ्तों में पूरे अफगानिस्तान में तेजी से आगे बढ़ रहा है और देश के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रहा है. अमेरिका ने अपने अधिकांश सुरक्षाबलों को वापस बुला लिया और 31 अगस्त तक शेष बलों को वापस बुलाने का लक्ष्य रखा है.

गनी ने कहा कि प्रधानमंत्री खान और उनके जनरलों ने बार-बार आश्वासन दिया कि आफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान का आना पाकिस्तान के हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि तालिबान का समर्थन करने वाले नेटवर्क और संगठन अफगान लोगों और राज्य की संपत्तियों एवं क्षमताओं के नष्ट होने का खुले तौर पर जश्न मना रहे हैं.

अफगान राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के बीच एक आम सहमति है कि तालिबान ने आतंकवादी संगठनों के साथ अपने संबंधों को तोड़ने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है.

उन्होंने कहा, ‘हम लोग और अफगानिस्तान की सरकार पूरी तरह से मौजूदा वक्त पर ध्यान केंद्रित किए हुए है और एक राष्ट्र के रूप में अपने अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’’ गनी ने कहा, ‘‘हम तालिबान और उनके समर्थकों का तब तक सामना करने के लिए तैयार हैं, जब तक उन्हें यह एहसास नहीं हो जाता कि राजनीतिक समाधान ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.’

अपने संबोधन में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि वह गनी की टिप्पणियों से “मायूस” हैं और तालिबान को बातचीत की मेज पर लाने के लिए पाकिस्तान ने जितनी कोशिशें की हैं, उतनी किसी भी मुल्क ने नहीं की हैं.

गनी ने कहा, ‘हम तालिबान से युद्ध और विनाशकारी हालिया हमलों को रोकने के लिए अफगानिस्तान की सरकार के साथ बातचीत करने का आह्वान करते हैं. साथ ही, हम पाकिस्तान से शांति और शत्रुता की समाप्ति के लिए अपने प्रभाव का उपयोग करने की अपील करते हैं.’


य़ह भी पढ़ें: इमरान खान तालिबान पर सवाल से बचे, भारत से बातचीत में रुकावट के लिए RSS को जिम्मेदार ठहराया


 

share & View comments