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Friday, 22 November, 2024
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तोमर ने कृषि के लिए किए अहम ऐलान, कहा- 3 कानूनों को रद्द करने को छोड़ किसानों से बात करने को तैयार

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने खासकर किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृषि और किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं. आज हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले किए.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बृहस्पतिवार को नई कैबिनेट के मंत्रियों की पहली बैठक हुई. इसमें कृषि और स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वह तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की किसानों की मांग छोड़ उनसे बात करने को तैयार हैं. किसान को आंदोलन का रास्ता छोड़ना चाहिए.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने खासकर किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृषि और किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं. आज हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले किए.

कृषि मंत्री ने कहा कि हमारे देश में एक बड़ा क्षेत्र है जहां नारियल की खेती होती है. नारियल बोर्ड का अध्यक्ष इस बार गैर शासकीय होगा. एग्जिक्यूटिव पावर के लिए एक सीओ होगा. नारियल बोर्ड तय करेगा कि नारियल किसान को और भी ज्यादा लाभ हो साथ ही भारत के बाहर वह अपनी गतिविधि बढ़ा सके, इस पर भी ध्यान दिया जाएगा.

तोमर ने कहा कि किसान आंदोलन से जुड़े मित्रों से वह कहना चाहते हैं कि नये कृषि कानून के हवाले से ऐसा कहा जा रहा है कि एपीएमसी (मंडिया) खत्म हो जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं है. इस बार के बजट में कहा गया था मंडियों को और मजबूत किया जाएगा. एक लाख करोड़ का जो फंड है अब उसे भी इसे मजबूत करने में इस्तेमाल किया जा सकेगा.

आज बैठक में जो निर्णय हुआ है अब एपीएमसीज़ भी इस फंड की पात्र होंगी और अपना ढांचा बढ़ा सकेंगी. राष्ट्रीय और राज्य स्तर की सहकारी संस्थाएं भी इसके लिए पात्र होंगी.

मंडी अपने कमांड क्षेत्र में किसानों के लिए योजना बनाएंगी तो वह भी इस फंड के लिए पात्र होंगी. इस निर्णय से अधिक लोग लाभान्वित होंगे. विशेष रूप से जो बात कही जाती थी एपीएमसीज़ खत्म होंगी, ऐसा नहीं है. इन मंडियों को इस इन्फ्रस्ट्रक्चर फंड से मदद मिलेगी.

स्वाथ्य पैकेज को 9 महीनों में करना होगा लागू

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने स्वास्थ्य व्यवस्था खासकर कोविड को लेकर तैयारियों पर बैठक में जो निर्णय लिए उसकी जानकारी दी.

मंडाविया ने कहा कि पहली लहर में जो दक्कतें हमारे सामने आईं, इससे भविष्य में निपटने के इसके लिए 23 हजार करोड़ रुपये का एक पैकेज लाएंगे. इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 15 हजार करोड़ और राज्य सरकार का हिस्सा 8 हजार करोड़ रुपये होगा. इसका फायदा केंद्र और राज्य दोनों सरकारें उठाएंगी.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस पैकेज का इंप्लीमेंटेशन मैक्सिमम 9 महीने में करना होगा. एक सवाल पर कि तीसरी लहर नज़दीक है तो इंप्लीमेंटेशन इतना लंबा क्यों. तो उन्होंने कहा कि यह अवधि अधिकतम है, इसे 2-3 महीने में करनी की कोशिश की जाएगी. जितना जल्दी हो सकेगा करने की कोशिश होगी, लेकिन 9 महीने से ज्यादा नहीं लगना है.

मनसुख ने कहा कि 736 जिलों में पेड्रियार्टिक केयर यूनिट बनाया जाना है. 20,000 आईसीयू बेड होंगे जिनमें 20 फीसदी बच्चों के लिए विशेष तौर पर होंगे.

जब मरीज़ को घर से अस्पताल ले जाने की जरूरत होगी तो उसके लिए एंबुलेंस की व्यवस्था हो इस बजट में प्रावधान है. कुल मिलाकर कोविड बढ़े तो देश उसका सामना योजना पूर्वक कर सके.

वहीं तोमर ने आंदोलनरत किसानों से बातचीत के सवाल पर कहा कि किसान आंदोलन से संबंधित यूनियन को अनेक बार कहा है कि कानून को रद्द करने के अतिरिक्त कोई भी प्रस्ताव लेकर आएं हम चर्चा करने को तैयार हैं. हमारे प्रधानमंत्री किसानों के प्रति हमेशा संवेदनशील रहे हैं. वह किसानों के भले के लिए सोच रहे हैं. मुनाफे की खेती हो सके इस बारे में सोच रहे हैं. कृषि सुधार इसी दिशा में उठाया गया कदम है. किसान यूनियनों को इसका महत्व समझना चाहिए.

कृषि मंत्री ने कहा कि मंडियों को लेकर जो बातें कही जा रहीं वह सही नहीं हैं, मंडिया मजबूत की जाएंगी. हमने दलहन, तिलहन की खरीद का एमएसपी इस बार बढ़ाया है. जिन जगहों से किसान आंदोलन कर रहे हैं वहां उनके खातों में पैसे भेजकर उनकी फसलों के लिए फायदा पहुंचाया गया है. आंदोलनरत किसानों से अपील है कि वे इन पर विचार करें, आंदोलन समाप्त करें.

वहीं वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि सारे देश में मुफ्त वैक्सीन का अभियान चल रहा है. इसके लिए जो भी खर्च होगा भारत सरकार उठाएगी.


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