लखनऊ: आगरा के एक प्राइवेट अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई रोके जाने के कारण कथित तौर पर हुई 22 मौत के मामले में प्रशासन ने इस आंकड़े से इनकार किया है.
यह वीडियो वायरल होने के बाद, जिसमें आगरा के पारस अस्पताल के मालिक डॉ अरिंजय जैन को यह कहते हुए सुना जाता है कि 26 अप्रैल को, उन्होंने ‘मॉक ड्रिल’ के रूप में मरीजों की ऑक्सीजन की आपूर्ति काट दी. डॉक्टर ने दावा किया कि यह दूसरी कोविड -19 लहर के दौरान उस समय की बात है जब शहर में ऑक्सीजन संकट चरम पर था.
आगरा के डीएम पी.एन सिंह ने वीडियो की सत्यता की जांच के आदेश के साथ-साथ कहा है कि जिन दो दिनों का वीडियो में जिक्र है (26 व 27 अप्रैल) उनमें 7 मौत हुई थीं लेकिन ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं.
डीएम ने बयान जारी कर कहा- ‘जैसा कि वायरल वीडियो में बताया जा रहा है कि 22 मरीजों की मौत हुई इसमें सच्चाई नहीं है. 26 अप्रैल को पारस हॉस्पिटल में कुल 97 मरीज भर्ती थे और 26 तारीख को चार मरीजों की मौत हुई थी जबकि 27 अप्रैल को 3 मरीजों की मौत हुई थी.’
डीएम ने बताया, ‘एक दो दिन ऑक्सीजन की किल्लत हुई थी पर जल्द ही सप्लाई शुरू होने से सब ठीक हो गया था बाकि जो वीडियो सामने आएं हैं उनकी जांच की जाएगी और कानूनी कार्यवाही की जाएगी.’
दिप्रिंट ने डीएम पी.एन.सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि वह फिलहाल कोविड रिव्यू मीटिंग में व्यस्त हैं. वह बाद में इस संबंध में बात करेंगे. वहीं सीएमओ आरसी पांडे ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनी है जो जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट देगी.
वीडियो जो वायरल हुआ
वायरल वीडियो जिसे कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गांधी ने भी शेयर किया है जिसमें जैन को कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने गंभीर रोगियों को पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई काट दी थी.
पारस अस्पताल के मालिक डॉ. अरिंजय जैन के वायरल हो रहे वीडियो में कहते सुने जा सकते हैं. वह रहे हैं – ’26 अप्रैल को आगरा में हालात बेकाबू थे. ऑक्सीजन की कमी थी. उन्होंने कहा कि मरीजों को डिस्चार्ज शुरू करो. ऑक्सिजन कही नहीं है, तब मैंने कई मरीजों से जाने के लिए कहा, लेकिन चार या पांच लोग ही माने बाकी तो पेंडुलम बने रहे, नहीं जाएंगे-नहीं जाएंगे. जब नहीं माने तो हमने मॉकड्रिल करने की सोची और ऑक्सिजन बंद कर दी. वह जिसमें पता चल जाएगा कि कौन मरेगा या नहीं मरेगा.’
वह आगे कह रहे हैं, ‘मॉकड्रिल करते ही मरीज छटपटा गए और शरीर नीला पड़ने लगा. जब ऑक्सिजन रोकी तो 22 मरीज छंट गए.’
बाद में मीडिया से बातचीत में पारस हॉस्पिटल के संचालक और मालिक डॉ जैन ने वीडियो से साफ इनकार नहीं किया है. उन्होंने कहा, ‘उनके वीडियो को तोड़ मरोड़ कर लिया जा रा है.’
अंरिजय के मुताबिक, ‘हमने मरीजों के ऑक्सीजन लेवल को जांचने के लिए एक प्रयास किया था क्योंकि उन दिनों ऑक्सीजन की भारी किल्लत थी हम मरीजों को बचाना चाहते थे. इसलिए अपने आईसीयू स्टाफ के साथ सभी मरीजों का ऑक्सीजन लेवल जांचने की बात की जा रही थी.’
वह आगे कहते हैं, ‘उन दिनों ऑक्सीजन की किल्लत थी और हम ये देखना चाहते थे कि अगर ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो जाती है या समय पर नहीं मिल पाती है तो वो कौन से मरीज होंगे जिन्हें हाई लेवल ऑक्सीजन की जरूरत होगी उसी पर हम चर्चा कर रहे थे और जिस तारीख की बात की जा रही है. उस तारीख का पूरा डेटा सीएमओ ऑफिस को दिया गया है.’
वह आगे कहते हैं, ’26 को कोविड के चार मरीजों की मौत हुई जबकि 27 को तीन मरीजों की मौत हुई थी.’
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‘हम मामले की पूरी जांच चाहते हैं’
इन दिनों में परिवार के सदस्यों को खोने वाले आगरा निवासी अब चाहते हैं कि सरकार पूरी जांच करे.
आगरा के रहने वाले अमित चावला जिन्होंने इसी अस्पताल में अपने पिता व पत्नी को खोया है. उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘पिता की मौत तो ऑक्सीजन की कमी से हुई थी. वहीं ईलाज में लापरवाही के कारण पत्नी भी बचाई नहीं जा सकीं.’
अमित के मुताबिक, ‘इस वायरल वीडियो से उनका शक और गहरा गया कि अस्पताल के कारण ही उनके पिता व पत्नी दुनिया से चले गए. इस मामले की निष्पक्षता से जांच होकर दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.’
आगरा के ही दूसरे निवासी मयंक चावला ने दिप्रिंट को बताया कि उनके दादा की भी इसी अस्पताल में 26 अप्रैल को मौत हो गई थी.
फिलहाल आगरा पुलिस के पास लिखित शिकायत नहीं पहुंची है लेकिन पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है अगर शिकायत आएगी तो मामले में जांच कर आगे की कार्रवाही की जाएगी.
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