एयर इंडिया की परिसंपत्तियों को केयर्न एनर्जी द्वारा जब्त करने के कदम के लिए मोदी सरकार सिर्फ खुद को जिम्मेदार ठहरा सकती है. इससे लंबे समय से प्रतीक्षित एयर इंडिया के निजीकरण की प्रक्रिया को नुकसान होगा, जबकि यह प्रक्रिया गति पकड़ रही थी. सरकार को अपने पूर्व-प्रभावी कर गड़बड़ी के कारण होने वाली खुद की शर्मिंदगी पर रोक लगानी चाहिए.