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Thursday, 21 November, 2024
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बांबे HC के CBI को दिए जांच के आदेश के बाद महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पद से इस्तीफा दिया

इस्तीफे को ट्वीट करते हुए अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद गृह मंत्री के रूप में बने रहना नैतिक रूप से सही नहीं लगता है इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं.

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मुंबई: महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. गृहमंत्री ने बांबे हाईकोर्ट के द्वारा उनपर बैठाई गई सीबीआई जांच के तीन घंटे के भीतर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा सौंप दिया.

अपने इस्तीफे को ट्वीट करते हुए देशमुख ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद गृह मंत्री के रूप में बने रहना नैतिक रूप से सही नहीं लगता है इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं.

मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए बांबे हाई कोर्ट ने सोमवार को  सीबीआई जांच कराए जाने की बात कही और प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया है.

एनसीपी के नेता और राज्यमंत्री नवाब मलिक ने कहा, ‘उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शरद पवार और पार्टी नेताओं से मुलाकात की और कहा कि वह इस पद पर नहीं रहना चाहते हैं.’ जिसके बाद एनसीपी ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वह देशमुख के इस्तीफे को स्वीकार कर लें.

नवाब मलिक ने कहा कि वह सीएम को अपना इस्तीफा देने के लिए गए हैं. पार्टी ने सीएम से अपना इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध किया है.’

नवाब मलिक ने यह भी कहा कि पार्टी आज भी देशमुख के साथ खड़ी है. उनके ऊपर लगाए गए बेबुनियाद है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ मंत्री नवाब मलिक ने संवाददाताओं को बताया, ‘देशमुख ने राकांपा प्रमुख शरद पवार को बताया है कि पद पर बने रहना ठीक नहीं होगा क्योंकि सीबीआई उनके खिलाफ आरोपों की जांच कर रही है.’

मलिक ने कहा कि देशमुख ने ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.

प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि वह खुश हैं कि देशमुख ने इस्तीफा दे दिया. साथ ही कहा कि सीबीआई जांच में चौंकाने वाले कई सारे खुलासे होंगे.

आज परमवीर सिंह की याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंड पीठ ने कहा कि यह ‘असाधारण’ और ‘अभूतपूर्व’ मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए.

पीठ ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर पूरी करने और आगे की कार्रवाई पर फैसला लेने का निर्देश दिया.

पीठ तीन जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी. इनमें एक याचिका खुद सिंह ने जबकि दूसरी याचिका शहर की वकील जयश्री पाटिल और तीसरी एक शिक्षक मोहन भिडे ने दायर की थी जिनमें अलग-अलग कदम उठाने का अनुरोध किया गया है.

पीठ ने तीनों याचिकाओं का निस्तारण किया.

गौरतलब है कि 25 मार्च को सिंह ने देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए आपराधिक पीआईएल दाखिल की थी जिसमें उन्होंने दावा किया कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा.


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