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Friday, 22 November, 2024
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राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और टॉप कांग्रेस नेताओं ने बंगाल में अब तक क्यों नहीं किया प्रचार

पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दूसरे चरण की प्रक्रिया मंगलवार को खत्म हो गई. इस चरण में 30 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग 1 अप्रैल को की जाएगी.

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नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार की प्रक्रिया मंगलवार को खत्म हो गई, लेकिन पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य में अब तक एक भी रैली को संबोधित नहीं किया है.

यह असम, केरल और तमिलनाडु में चुनाव अभियानों में उनकी भागीदारी के बिल्कुल विपरीत है. राहुल गांधी के 3-4 अप्रैल को केरल जा सकते हैं, वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को राज्य में अपनी पहली रैली को संबोधित किया.

इस मामले में पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने दिप्रिंट से कहा, ‘कार्यक्रम तय होने के बाद हम आपको बता देंगे.’ हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि राहुल और प्रियंका दोनों ने जानबूझकर पश्चिम बंगाल में अभी तक प्रचार नहीं किया है. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेता चौथे चरण के बाद चुनाव प्रचार करेंगे क्योंकि तब तक केरल में चुनाव, जहां कांग्रेस वामदलों के खिलाफ चुनाव लड़ रही है, खत्म हो जाएगा. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने वामदलों के साथ गठबंधन किया है.

बंगाल में 30 विधानसभा और असम की 39 सीटों पर दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. केरल और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव 6 अप्रैल को होंगे.


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‘ममता की आलोचना करने की स्थिति से बचें’

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम बताने की शर्त पर कहा, ‘अभी तक प्रदेश नेतृत्व सीएम ममता बनर्जी की खुलकर आलोचना करता रहा है. केंद्रीय नेतृत्व का सीएम के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध है और उसने अब तक उसकी खुलकर आलोचना नहीं की है और इसलिए वे ऐसी स्थिति से बच रहे हैं, जहां उन्हें सीधे मुख्यमंत्री की सीधे सीधे आलोचना करनी पड़े.

कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा कि जहां राहुल गांधी ने पहले ही बनर्जी के खिलाफ वामदलों के साथ गठबंधन करके ‘भाजपा विरोधी गठबंधन में तनाव’ पैदा कर दिया है, वहीं पार्टी आलाकमान ममता को एक सीमा से ज्यादा परेशान नहीं करना चाहते.

विपक्षी खेमें में कांग्रेस को अलग-थलग छोड़ते हुए राजद, शिवसेना, सपा और राकांपा समेत कई विपक्षी दल पहले ही ममता बनर्जी का समर्थन कर चुके हैं.’ इसके अलावा कौन जानता है कि ममता भविष्य में पीएम-मेकर बन सकती हैं. जी-23 के एक नेता ने कहा, क्या गांधी इस तथ्य को नज़अंदाज़ कर सकते हैं?

तथाकथित ‘जी-23’ नेता वे हैं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक विवादास्पद पत्र लिखा था, जिसमें ‘पूर्ण और सक्रिय नेतृत्व’ की मांग की गई थी.

कांग्रेस के एक तीसरे वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी को केरल में सत्ता में आने का भी काफी भरोसा है जहां राहुल गांधी अपना ज्यादातर समय बिताते रहे हैं.

‘हमारा अंदाज़ा है कि असम में भी हम काफी बेहतर करेंगे और यही वजह है कि राहुल और प्रियंका दोनों ने वहां चुनाव प्रचार किया है. जहां तक पश्चिम बंगाल का सवाल है, हमारे लिए चौथे चरण के बाद के चरण काफी महत्त्वपूर्ण हैं, इसलिए इस समय चुनाव प्रचार का कोई मतलब नहीं है.


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‘जानबूझकर नहीं’

कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने यह भी कहा कि यह कदम जानबूझकर नहीं उठाया गया है. उन्होंने कहा, ‘यह जानबूझकर बिल्कुल नहीं है. मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे नेता, राहुल गांधी जी, प्रियंका गांधी जी चौथे चरण चार के बाद निश्चित रूप से प्रचार करेंगे क्योंकि वे सीटें हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं. यह कहना कि हमारे नेता पश्चिम बंगाल से परहेज कर रहे हैं, यह बिल्कुल भी सही नहीं है.’ कांग्रेस सांसद और बंगाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा, ‘हमें एक योजना के हिसाब से चलना होता है और सब कुछ उसी योजना के मुताबिक हो रहा है.’

यह पूछे जाने पर कि पश्चिम बंगाल के लिए अधिकांश स्टार प्रचारक भी प्रचार क्यों नहीं कर रहे हैं, भट्टाचार्य ने कहा कि ‘इसके लिए कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं.’

आगे उन्होंने कहा, ‘जितिन प्रसाद स्टार प्रचारकों में से एक हैं और वह सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं. हरि प्रसाद और बीपी सिंह भी चुनाव प्रचार कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि प्रदेश इकाई ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित वरिष्ठ नेताओं से भी अनुरोध किया है.’

कांग्रेस के तीसरे नेता ने कहा कि मालदा, मुर्शिदाबाद, मध्य और उत्तर बंगाल ऐसे प्रमुख क्षेत्र हैं जहां पार्टी के पास अच्छा करने की काफी संभावना है और ये सभी आगामी चरणों का हिस्सा हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और स्टार प्रचारक सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘मैं फिलहाल केरल में चुनाव प्रचार कर रहा हूं और कल (बुधवार) असम का रुख करेंगे.’

आगे उन्होंने कहा, ‘पार्टी के वरिष्ठ नेता और मेरे कई साथी पहले ही सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि होली के बाद वे दूसरे राज्यों में जाएंगे. साथ ही, मैं यह भी दोहराना चाहता हूं कि हम पश्चिम बंगाल को ऐसे ही नहीं जाने देंगे. उन्होंने कहा कि मैं पहले ही एक दिन के लिए पश्चिम बंगाल में था और बाकी चरणों में चुनाव प्रचार करने की योजना बना रहा हूं.’

‘हम वामदलों के साथ गठबंधन को कैसे जायज ठहराएं’

कांग्रेस के दूसरे नेता ने ऐसा कदम उठाए जाने के पीछे अन्य कारण बताए. उन्होंने कहा, ‘हम पश्चिम बंगाल में वामदलों के साथ गठबंधन कर रहे हैं और केरल में उनके खिलाफ लड़ रहे हैं. तो ऐसे गठबंधन को हम कैसे जायज़ ठहराएं और जनता को क्या बताएं? कहने की जरूरत नहीं है कि वे बिल्कुल भी प्रचार नहीं करेंगे, लेकिन तब तक केरल में चुनाव खत्म हो जाएंगे.’

इस महीने की शुरुआत में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की उस टिप्पणी का जिसमें उन्होंने कहा था कि केरल में कांग्रेस पर भरोसा नहीं किया जा सकता, का जिक्र करते हुए कहा था कि फिर कैसे उनकी पार्टी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर रखा है.

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