बिहार सरकार ऐसे विशेष सशस्त्र बल का गठन करना चाहती है जिसे बिना वारंट छापे और गिरफ्तारी का अधिकार हो.सीएम नीतीश कुमार की हालिया कार्यकारी और विधायी फैसले उनकी लंबे समय से कायम लोकतांत्रिक छवि के बिलकुल विपरीत है. बिहार एक ‘विकास पुरुष ’का हकदार है, न कि एक सख्त प्रशासक के नेतृत्व में पुलिस राज का.
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