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Monday, 25 November, 2024
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नहीं चली लालू यादव की खराब तबीयत और आधी सजा पूरी करने की दलील, झारखंड हाईकोर्ट ने नहीं दी जमानत

शुक्रवार को लालू की जमानत याचिका और जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. लेकिन जज ने जमानत याचिका स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

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रांची/नई दिल्ली: झारखंड हाई कोर्ट ने चारा घोटाले से जुड़े मामले में राजद नेता लालू प्रसाद को जमानत देने से इनकार किया. हाईकोर्ट ने उनकी आधी सजा पूरी होने की दलील नहीं मानी.

शुक्रवार को लालू की जमानत याचिका और जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. लेकिन जज अपरेश कुमार सिंह ने जमानत याचिका स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

लालू यादव ने चारा घोटाले के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में मिली सजा की आधी समयावधि पूरी करने और खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी थी.

फिलहाल लालू यादव दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं. गुरुवार को तेजस्‍वी ने बताया कि अभी उनकी तबीयत स्थिर है. लालू के किडनी में लगातार दिक्कत बनी हुई है और फिलहाल वो डॉक्टरों की निगरानी में हैं . हालांकि उनकी निमोनिया की भी जांच की गई है.

निचली अदालत ने उन्हें इस मामले में सात साल की सजा सुनाई है.

पिछली सुनवाई के दौरान लालू यादव ने 42 माह से अधिक जेल में रहने का दावा किया था. जबकि सीबीआई ने 37 माह और 12 दिन ही हिरासत में काटने की बात कही थी.

बता दें इससे पहले शुक्रवार 12 तारीख को दुमका कोषागार गबन मामले में सजा काट रहे राजद नेता लालू प्रसाद की हिरासत अवधि संबंधी जमानत याचिका सुनवाई स्थगित कर दी गई थी.

लालू अपनी खराब तबियत को लेकर लगातार अदालत से जमानत याचिका लगा रहे हैं लेकिन उन्हें और उनके परिवार को निराशा ही हाथ मिली है.

अदालत में लालू की तबियत और आधी सजा पूरी करने की दलील कोर्ट ने नहीं सुनी. अब दो महीने बाद अप्रैल में सुनवाई होगी.

लालू की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि उनकी उम्र अधिक है और सेहत भी ठीक नहीं रहती है इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए यही नहीं याचिका में उनकी सजा आधी पूरी किए जाने का भी जिक्र किया गया था .

12 फरवरी को सुनवाई के दौरान झारखंड उच्च न्यायालय में लालू के अधिवक्ताओं ने राजद नेता को जमानत मिलने एवं देर शाम तक न्यायिक हिरासत से उनके रिहा होने की उम्मीद जताई थी, लेकिन मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने लालू की न्यायिक हिरासत अवधि पर उनके वकील के दावे पर सवाल उठाया और कहा कि अभी लालू ने सिर्फ 37 माह, 12 दिन ही हिरासत में काटे हैं.

इसके बाद न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई शुरू होते ही जज अपरेश कुमार ने जमानत दिए जाने की याचिका को खारिज कर दिया.

न्यायालय ने लालू प्रसाद और सीबीआई से राजद नेता की न्यायिक हिरासत अवधि की सत्यापित प्रति मांगी.

इससे पूर्व संबंधित मामले में लालू की जमानत याचिका पर 29 जनवरी को सुनवाई होनी थी लेकिन जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, पीठ ने कहा कि राजद नेता की ओर से दाखिल कागजात उन तक समय से नहीं पहुंचे.

पीठ ने इसके बाद सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तारीख निर्धारित की थी.

तेज प्रताप समेत सैकड़ों समर्थकों ने लालू यादव की रिहाई की मांग वाले पोस्टकार्ड राष्ट्रपति को भेजे
वहीं पिता कि रिहाई को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेज प्रताप यादव ने अनोखी शैली में एक अभियान शुरू किया है.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू प्रसाद एवं राबड़ी देवी के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बृहस्पतिवार को सैकड़ों समर्थकों के साथ पटना के बड़े डाकघर की ओर मार्च निकाला. इन सभी लोगों के पास बड़ी तादाद में पोस्टकार्ड थे, जो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम थे. इन सभी पोस्टकार्डों पर जेल में बंद राजद प्रमुख लालू यादव की रिहाई की मांग की गई थी.

तेज प्रताप ने कहा, ‘ हम समाजवादी आंदोलन के हित में यहां लाखों आजादी पत्र लेकर निकले हैं . यह अभियान पूरे बिहार में चलाया जा रहा है और हमें आशा है कि राष्ट्रपति लोगों की आवाज सुनेंगे.’


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