नई दिल्ली: अमेरिका स्थित कट्टरपंथी समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’, जिसे 2018 में भारत ने प्रतिबंधित कर दिया था, ने बुधवार को यूट्यूब पर एक वीडियो जारी कर इन्वायरनमेंट एक्टिविस्ट दिशा रवि, अभिनेता दीप सिद्धू, वकील निकिता जैकब और श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर के समर्थन में आवाज उठाई.
पिछले माह कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित हिंसा के मामले में जेल में बंद कौर को छोड़कर बाकी सब किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में विभिन्न आरोपों का सामना कर रहे हैं.
‘सिख्स फॉर जस्टिस’ के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नूून, जिन्हें भारत ने आतंकी घोषित कर रखा है, ने वीडियो में किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों से आग्रह किया है कि अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी, इटली जैसे यूरोपीय देशों के राजदूतों को ईमेल भेजना शुरू कर दें और उनसे ‘भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रतिबंध लगाने’ के लिए कहें.
उनका कहना है कि इस मुद्दे को ‘अंतरराष्ट्रीय मंचों और प्लेटफार्म पर जोरदार तरीके से उठाने और पूरी दुनिया को इसके बारे में बताने की जरूरत है.’
तीन मिनट के वीडियो में पन्नून कहते हैं कि उनका संदेश उन लोगों के लिए है जो नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और दिशा रवि, दीप सिद्धू, नवदीप कौर, निकिता जैकब के समर्थन में है, ‘जिन पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया गया है.’
दिशा रवि और जैकब के खिलाफ टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से दर्ज किए गए राष्ट्रद्रोह के केस के तहत जांच चल रही है जिस पर पुलिस का दावा है कि इसकी 26 जनवरी की हिंसा में भूमिका रही थी. वहीं सिद्धू पर हिंसा के दौरान दंगा करने, सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने, हत्या के प्रयास, डकैती और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है.
दिशा रवि और सिद्धू की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि पेशे से वकील जैकब को बुधवार को बाम्बे हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई.
वहीं, नवदीप को हरियाणा पुलिस ने 12 जनवरी को सिंघू बॉर्डर, जो किसानों के आंदोलन स्थलों में से एक है, के पास श्रमिकों के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया था.
दिल्ली पुलिस, जो कि 2 फरवरी को पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा ट्वीट किए गए ‘टूलकिट’ की जांच कर रही है, ने इस वीडियों पर संज्ञान लिया है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘इस टूलकिट और ‘एसएफजे’ के बीच संबंध है.’ साथ ही जोड़ा कि ‘एसजेएफ’ के तार टूलकिट मामले में जांच के घेरे में आए कनाडा के संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से भी जुड़े हुए हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘पीजेएफ और एसएफजे भी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. एक्टिविस्ट दिशा और वकील निकिता के समर्थन में आया यह वीडियो एक स्पष्ट संदेश हो सकता है. हम इस मामले पर गौर कर रहे हैं.’
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‘ईमेल लिखें’
वीडियो में इन चारों लोगों का नाम लेकर पन्नून ने कहा, ‘आप सभी पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया गया है जिसका मतलब होता है देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना. आप सभी किसान आंदोलन का समर्थन करते रहे हैं और यह आपका अधिकार है.’
वह आगे कहते हैं, ‘आप भारत के संविधान, भारतीय तिरंगे के प्रति अपनी निष्ठा का सम्मान करते हैं, फिर भी फासिस्ट मोदी सरकार ने आप पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है. वे आपके अधिकारों को कुचल रहे हैं. ऐसे अधिकार जो मानवाधिकारों पर यूनिवर्सल डिक्लेरेशन के तहत मिले हुए हैं.’
पन्नून ने इसके बाद एक वेब पोर्टल घोषित किया- www.twitter4farmers.in—जिसके बारे में उनका कहना था कि सभी ‘किसान समर्थक’ इस पर लॉग इन करके भारत में ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और यूरोपीय संघ जैसे देशों के राजदूतों को ईमेल भेज सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम ‘एसएफजे’ हैं और हमारा मानना है कि पंजाब को भारत से अलग करना ही एकमात्र समाधान है. लेकिन आज में इस बारे में कोई बात नहीं कर रहा हूं.’
वीडियो में पन्नून ने कहा, ‘हमने आपके लिए एक पोर्टल www.twitter4farmers.in बनाया है. पोर्टल पर जाएं और दिल्ली में बैठे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के राजदूतों को एक ईमेल भेजें. आप अपनी आवाज उठाएं और उनसे मोदी पर प्रतिबंध लगाने को कहें, जैसा उन्होंने पहले किया था.’
साथ ही जोड़ा कि मोदी ‘असंवैधानिक तरीके से इस प्रावधान का इस्तेमाल दिशा रवि, दीप सिद्धू, नवदीप कौर, निकिता और इस आरोप के घेरे में आए अन्य लोगों की बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी छीनने के लिए कर रहे हैं.’
उसने आगे कहा, ‘सरकार हिंसा और राष्ट्रद्रोह जैसे टेरर टूल का इस्तेमाल आपकी आवाज दबाने के लिए कर रही है. अब समय आ गया है कि आप एकजुट हों और दिल्ली में बैठे विदेशी राजदूतों को ईमेल करें.’
अपने ‘पंजाबी भाइयों’ को संबोधित करते हुए पंजाबी में कहा कि पंजाब और किसानों के लिए एकमात्र समाधान ‘खालिस्तान’ ही है. पन्नून ने कहा, ‘एकमात्र समाधान है ‘किसान हुल खालिस्तान.’
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