नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल्स के भुगतान के लिए शुक्रवार से फास्ट टैग को अनिवार्य कर दिया गया है.
राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम 2008 के अनुसार, कोई भी वाहन जिसमें फास्ट टैग नहीं लगा हुआ है या जिस वाहन में वैध, कार्यात्मक फास्टैग नहीं है, उसपर निर्धारित शुल्क का दोगुना भुगतान करना होगा.
सड़क परिवहन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि डिजिटल मोड के माध्यम से शुल्क भुगतान को बढ़ावा देने, प्रतीक्षा समय और ईंधन की खपत को कम करने और शुल्क प्लाज़ा के माध्यम से एक आसान और निर्बाध मार्ग प्रदान करने के लिए ऐसा किया गया है.
मंत्रालय ने 1 जनवरी 2021 से प्रभावी होने के साथ मोटर वाहनों के एम एंड एन श्रेणियों में फास्ट टैग को फिट करने का आदेश दिया था.
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि फास्ट टैग के कार्यान्वयन की समय सीमा को आगे नहीं बढ़ाया जायेगा. उन्होंने कहा कि वाहन मालिकों को तुरंत इस ई-भुगतान सुविधा को अपनाना चाहिये.
फास्टैग टोल प्लाजाओं पर शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की सुविधा प्रदान करता है. इसे 2016 में पेश किया गया था. टैग अनिवार्य बनाने से यह सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी कि वाहनों को टोल प्लाजा के माध्यम से बिना रुके गुजरने की सुविधा दी जाये.
गडकरी ने नागपुर हवाईअड्डे पर फास्टैग को लेकर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि सरकार ने फास्ट टैग पंजीकरण की समयसीमा को दो-तीन बार बढ़ाया है और अब इसे आगे नहीं बढ़ाया जायेगा. अब हर किसी को तुरंत फास्टैग खरीदना चाहिये.
उन्होंने कहा कि कुछ मार्गों पर फास्ट टैग का पंजीकरण 90 प्रतिशत हो गया है और केवल 10 प्रतिशत लोग ही बचे हैं. उन्होंने कहा कि टोल नाकों पर भी फास्टैग उपलब्ध है और लोगों को इसका इस्तेमाल सहज यातायात के लिये करना चाहिये.
केंद्र सरकार ने वाहनों के लिये अनिवार्य फास्ट टैग की समयसीमा एक जनवरी 2021 से बढ़ाकर 15 फरवरी 2021 कर दी है.
(भाषा के इनपुट के साथ)
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