भाजपा नेताओं की तरफ से जेएनयू का नाम बदलने की मांग के बावजूद मोदी सरकार द्वारा नाम न बदला जाना बिल्कुल भी चकित नहीं करता है. सिर्फ नाम बदल देने से जेएनयू का चरित्र नहीं बदला जा सकता है. ‘स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी’ कर देने से वैचारिक प्रतिद्वंदियों से टकराव उतना आसान नहीं होगा. नाम में काफी कुछ रखा है.