नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत, जिन राज्यों ने कोविड-19 टीकों के अपने एक तिहाई से कम लक्ष्य हासिल किए हैं, नरेंद्र मोदी सरकार उनका विशेष रूप से मार्गदर्शन करेगी.
5 फरवरी को जारी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश के अनुसार, ग्यारह राज्य और केंद्र-शासित क्षेत्र- असम, चंडीगढ़, दादरा नगर हवेली, दिल्ली, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, तमिलनाडु और पुडुचेरी- ऐसे हैं जो अभी कुल पंजीकृत स्वास्थ्यकर्मियों में से, केवल 30 प्रतिशत को टीके लगा पाए हैं. दिप्रिंट ने उस आदेश को देखा है.
इस आदेश में, जिसका शीर्षक है ‘चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान में सहायत करने के लिए, केंद्रीय नोडल अधिकारियों द्वार राज्यों/ यूटीज़ के फिज़िकल निगरानी दौरे’, में कहा गया कि इन राज्यों तथा यूटीज़ के केंद्रीय नोडल अधिकारियों को ‘निर्देश दिया जाता है कि उन्हें सौंपे गए राज्यों/ यूटीज़ के दौरे करके, कोविड-19 टीकाकरण गतिविधियों की समीक्षा करें, जिनमें संबंधित राज्यों/ यूटीज़ में, को-विन आईटी प्लेटफॉर्म को लागू करना भी शामिल है’.
केंद्र ने अधिकारियों को सलाह दी कि टीकाकरण लक्ष्यों की प्रगति पर चर्चा के लिए राज्यों के अधिकारियों के साथ मुलाकात करें, जिनमें प्रमुख सचिव और स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त प्रमुख सचिव शामिल हों.
अतिरिक्त सचिव तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की मिशन डायरेक्टर, वंदना गुरनानी की ओर से जारी इस आदेश के अनुसार, इस साल 16 जनवरी को अभियान की शुरूआत के बाद से, ’50 लाख से अधिक स्वास्थ्य सेवा कर्मियों (एचसीडब्लूज़) और फ्रंट लइन वर्कर्स (एफएलडब्लूज़) को, टीके का पहला डोज़ दिया जा चुका है’.
अधिकारीगण टीकाकरण अभियान के विस्तार को बढ़ावा देने के लिए, एक कार्य योजना पर काम करेंगे और कुछ टीका स्थलों का दौरा भी करेंगे, जहां वो देखेंगे कि विपरीत घटनाओं को कैसे संभाला जा रहा है और मोबाइल आधारित एप्लीकेशन को-विन के इस्तेमाल की भी समीक्षा करेंगे, जहां टीकाकरण प्रक्रिया से जुड़ा तमाम डेटा तथा विवरण, अपलोड किया जाता है.
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समीक्षा के लिए 8 क्षेत्रों पर फोकस
आदेश में समीक्षा के लिए आठ विस्तृत क्षेत्रों का उल्लेख किया गया है, जिनके लिए नोडल अधिकारी पहले ही, 11 जनवरी को एक अनुकूलन सत्र से गुज़र चुके हैं. समीक्षा के लिए पहला क्षेत्र एक ‘कार्य योजना पर काम करना है, जिसमें कुल लाभार्थियों (एचसीडब्लूज़ और एफएलडब्लूज़) की कुल कवरेज, और प्रति वैक्सिनेशन सेशन कवरेज को सुधारा जाए’.
ये अधिकारी ‘16 जनवरी 2021 के बाद हुईं, स्टियरिंग कमेटी और टास्क फोर्ट कमेटी की बैठकों की भी’ समीक्षा करेंगे.
वो चेक करेंगे कि क्या ‘सत्र की क्षमताओं (नियोजित बनाम कवर्ड लाभार्थियों) का भरपूर उपयोग’ हो रहा है.
वो ये भी देखेंगे कि क्या को-विन प्लेटफॉर्म पर, विवरण डालने के प्रोटोकोल्स का पालन किया जा रहा है. वो ये समीक्षा भी करेंगे कि क्या ‘सेशंस को-विन के ज़रिए शेड्यूल किए जा रहे हैं, लाभार्थियों का सत्यापन आधार से हो रहा है, और क्या टीका स्थल पर कोविड-19 टीका प्रमाण पत्र, तुरंत जारी किए जा रहे हैं’.
इसके अलावा, अधिकारी ये समीक्षा भी करेंगे, कि ‘सभी स्तरों पर ट्रेनिंग की क्या स्थिति है, रीफ्रेशर ट्रेनिंग और कम्यूनिकेशन, मीडिया की क्या ज़रूरत है, और उनका कार्यान्वयन कैसा हो रहा है’.
उनका एक काम ये चेक करना भी है कि क्या टीका लगने के बाद की विपरीत घटनाओं (एईएफआई) को संभालने, और समय रहते एईएफआई को, मामूली, गंभीर और अति-गंभीर श्रेणियों में वर्गीकृत करने का काम, ठीक से किया जा रहा है या नहीं.
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