मोदी सरकार की 15 वीं वित्त आयोग की इस सिफारिश को मानने की तारीफ की जानी चाहिए कि पानी पर अलग अलग चार्ज लगाय जाए. लोगो को उपभोग के हिसाब से पैसे देने चाहिए खासतौर पर जब पानी इतना कीमती संसाधन है . मुफ्त पानी इसके बेजा इस्तेमाल का कारण बनता है. यह निर्णय राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाता है . पर यह पानी के बेहतर प्रबंधन में भी मदद करेगा.
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