बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच द्वारा हाल ही में पोक्सो मामले में दिया गया फैसला प्रतिगामी और रूढ़िवादी समझ को दिखाता है. पिछले एक दशक में भारत के यौन उत्पीड़न न्यायशास्त्र में यह एक खतरनाक पड़ाव है. कानूनी रूप से अनुचित फैसले पर अपील कर इसे दुरुस्त किया जाना चाहिए. ऐसा न हो कि ट्रायल कोर्ट्स इस पर ध्यान देना शुरू कर दें.