नई दिल्ली: कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद का कहना है कि उनकी पार्टी अगर पश्चिम बंगाल में सत्ता में आई तो नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराएगी, और राज्य को ‘भाजपा के गुजरातीकरण’ से बचाएगी.
एआईसीसी में पश्चिम बंगाल के प्रभारी जितिन प्रसाद ने दिप्रिंट को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि इन चुनावों में कांग्रेस का जोर ‘राज्य की आत्मा को बचाने’ पर है.
प्रसाद ने दिप्रिंट से कहा, ‘भाजपा पश्चिम बंगाल की संस्कृति और पहचान की परवाह नहीं करती है. उनकी कार्यशैली से यह स्पष्ट है. अब तक उन्होंने सुभाष चंद्र बोस की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा क्यों नहीं बनवाई? अगर कांग्रेस पश्चिम बंगाल में सत्ता में आती है, तो हम बोस की सबसे ऊंची प्रतिमा लगाएंगे.’
2018 में नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण कराया था, जो कि स्वतंत्रता सेनानी और देश के पहले उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा है. यह विशाल प्रतिमा गुजरात में नर्मदा के साधु द्वीप पर स्थित है.
‘नेताजी’ के नाम से ख्यात सुभाष चंद्र बोस बंगाल के स्वतंत्रता सेनानी थे और सबसे बड़े और प्रमुख बंगाली आइकन में शुमार हैं.
इस साल सभी की निगाहें पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों पर टिकी हुई हैं, जिसके लिए अप्रैल-मई में मतदान होना है. इस चुनाव के लिए कांग्रेस और माकपा नीत वाम मोर्चे ने गठबंधन की घोषणा की है.
कांग्रेस ने सीट बंटवारे पर फैसले के लिए वामपंथी दलों के साथ बातचीत करने के लिए राज्य के पार्टी प्रमुख अधीर रंजन चौधरी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति की घोषणा की है.
बंगाल चुनाव पर भाजपा का पूरा फोकस रहा है, पार्टी ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ‘हर महीने सात दिन के लिए’ राज्य का दौरा करेंगे.
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‘कांग्रेस बंगाल की आत्मा को बचाए रखने के लिए लड़ेगी’
प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस का जोर पश्चिम बंगाल को भाजपा के ‘वैचारिक आक्रमण’ से बचाने पर है.
प्रसाद ने कहा, ‘भाजपा पश्चिम बंगाल के हर विचार के खिलाफ है. पश्चिम बंगाल को अपनी संस्कृति और विरासत के लिए जाना जाता है, और रवींद्रनाथ टैगोर, बंकिम चंद्र चटर्जी और सुभाष चंद्र बोस जैसे दिग्गज इस विरासत के उदाहरण हैं.’
लेकिन भाजपा का इरादा राज्य को ‘गुजरात-जैसा’ बनाने का है.
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि भाजपा गुजरात-जैसा पश्चिम बंगाल चाहती है. वो इसकी संस्कृति और जीवनशैली, इसकी विरासत को बदलना चाहती है. लेकिन राज्य के लोग इसकी अनुमति नहीं देंगे. और कांग्रेस राज्य के मूल स्वरूप को भाजपा के इस राजनीतिक और वैचारिक हमले से बचाने के लिए लड़ेगी.’
2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में वाम मोर्चे और कांग्रेस ने मिलकर कुल 294 सीटों में से 76 सीटें जीती थीं और उनका वोट शेयर करीब 38 प्रतिशत रहा था, जबकि भाजपा ने सिर्फ 3 सीटें जीती थीं. टीएमसी 211 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई थी.
‘मुसलमान ओवैसी जैसे लोगों के लिए वोट बर्बाद नहीं करेंगे’
प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि वह गैर-भाजपा मतदाताओं के लिए एक विकल्प बनकर उभरेगी, जो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के खिलाफ हैं.
प्रसाद ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों को लेकर टीएमसी का ट्रैक रिकॉर्ड स्पष्ट तौर पर खुलकर सामने आ गया है. ऐसे में मतदाता कांग्रेस को एक विकल्प के तौर पर देखेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘राज्य के लोगों से कांग्रेस के संबंधों की जड़ें बहुत ही गहरी हैं.’
हालांकि, प्रसाद ने इस संभावना से इनकार किया कि राज्य के चुनावी परिदृश्य में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के आने से इसमें कोई फर्क पड़ने वाला है.
ओवैसी बिहार चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से उत्साहित होकर बंगाल चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उन्होंने पांच सीटें हासिल की थीं.
ओवैसी ने पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल का दौरा किया था और फुरफुरा शरीफ के एक प्रभावशाली मौलवी पीरजादा अब्बास सिद्दीकी से मुलाकात की थी.
मुस्लिम बहुल जिलों मुर्शिदाबाद और मालदा को कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है, जहां एआईएमआईएम द्वारा खेल बिगाड़ने की संभावनाएं जताई जा रही हैं.
बहरहाल, प्रसाद को नहीं लगता कि एआईएमआईएम ज्यादा नुकसान कर पाएगी.
प्रसाद ने कहा, ‘मुसलमान अपना वोट बर्बाद नहीं करेंगे और उन लोगों को आजमाने की कोई कोशिश नहीं करेंगे, जिनका एकमात्र काम अन्य पार्टियों को लाभ पहुंचाना है.’
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