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Thursday, 21 November, 2024
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पंजाब और हरियाणा के गायकों के लिए ‘किसान बनाम दिल्ली’ अब ‘विद्रोह बनाम क्रांति’ बन गया है

पिछले कुछ दिनों व हफ्तों में, इंटरनेट पर पंजाबी और हरियाणवी गीतों की बाढ़ सी आ गई है जिनके बोल विद्रोह और इनक़लाब से भरे हैं.

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चंडीगढ़: इधर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर, मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के किसानों का आंदोलन जारी है, जो नवंबर के अंत में शुरू हुआ था, उधर इंटरनेट पर विद्रोह और इनक़लाब के गीतों की बाढ़ सी आ गई है.

कई महीने पहले शुरू हुए किसान आंदोलन से प्रेरित होकर, पंजाबी और हरियाणवी गायक, एक के बाद एक गीत निकाल रहे हैं, जिन्हें लाखों ऑनलाइन व्यूज़ मिल रहे हैं.

ये ऐसे समय हो रहा है जब किसानों ने, मोदी सरकार के तीन नए कृषि क़ानूनों को पूरी तरह रद्द करने की, अपनी मांग से पीछे हटने से इनकार कर दिया है, हालांकि केंद्र ने नए क़ानूनों में, न्यूनतम समर्थन मूल्यों पर लिखित आश्वासन, और सात अन्य संशोधनों का प्रस्ताव दिया था.

पंजाबी संगीत और फिल्म उद्योग की, कुछ सबसे बड़ी हस्तियां आंदोलन के समर्थन में आ गईं हैं, और उन्होंने पंजाब और उसके किसानों के प्रति, केंद्र सरकार की उदासीनता पर दर्जनों गीत गाए हैं.

मनकीर्त औलख की अगुवाई में, दस से अधिक पंजाबी गायकों के गाए ‘किसान एंथम’ को, बुद्धवार शाम तक 18 लाख व्यूज़ मिल चुके थे, जबकि ये एक दिन पहले ही रिलीज़ हुआ था.

एक और लोकप्रिय गायक कंवर ग्रेवाल ने भी, जो जून में आंदोलन की शुरूआत से ही उससे जुड़े रहे हैं, और उनके साथ टिकरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं, मंगलवार को ‘जवानी ज़िंदाबाद’ के नाम से एक गीत रिलीज़ किया. ये गीत इस आंदोलन में अपना रोल निभा रहे, युवाओं की प्रशंसा में लिखा गया है.

मंगलवार को राजवीर सिंह ने ‘दिल्ली फतेह’, और गगन मल्लाह ने ‘सुन दिल्लिए’, रिलीज़ किया. जी संधू का ‘चुप करजा दिल्लिए’ आया, जबकि स्मार्ट-ई सोमवार को ‘बाग़ी किसान’ लेकर आया, और बुद्धवार को पिंदर कहलॉन ने ‘किसान आंदोलन’ रिलीज़ किया.

ग्रेवाल ने इससे पहले हर्फ चीमा के साथ मिलकर ‘पेचा’ गाया था. इस गीत में, जिसे 21 नवंबर को रिलीज़ किए जाने के बाद से, 28 लाख व्यूज़ मिल चुके हैं, कहा गया है:

‘नाल तेरे पंजाब सिंघा, बस ना दि यारी दिल्ली दी

कालियां नीतियां करदे लागू, ओ नीयत माड़ी दिल्ली दी

तेरे गल तक पहुच गई आ आन कुहाड़ी दिल्ली दी

ओ तेरी खुदकुशियां तो कहतो वजदी तारी दिल्ली दी’

अक्तूबर में, इसी टीम ने ‘ऐलान’ रिलीज़ किया था, जिसे 20 लाख व्यूज़ मिले थे.

अदाकार-गायक हरभजन मान ने भी, किसानों के आंदोलन पर दो गीत गाए हैं. पिछले हफ्ते उन्होंने हरविंदर तालता का लिखा ‘हक़’ रिलीज़ किया, जिसमें कहा गया: ‘मेहला विच्चो निकल के तक दिल्लिए/मुड़ दे नहीं लाए बिन हक़ दिल्लिए’. इस विडियो को भी अभी तक, 5,35,000 व्यूज़ मिल चुके हैं.


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इसी मुद्दे पर मान का दूसरा गीत ‘अन्नदाता’, जो एक महीना पहले रिलीज़ हुआ था, एक नरम और भावपूर्ण गीत है, जिसमें किसान और उसके पेशे के प्रति आभार जताया गया है.

एक और लोकप्रिय गायक और कंपोज़र रंजीत बावा ने, पिछले हफ्ते ‘बोल्दा पंजाब’ के नाम से ए क एल्बम जारी की. इसका शीर्ष गीत तुरंत हिट हो गया और उसे 34 लाख व्यूज़ मिले.

इसके बोलों में कहा गया: ‘नि तु जीना नु सी उड़ता पंजाब दस दी, दिल्ली जाके पाटे कचहरे सुकने

रब ना करे गोरा फेर आ गया, ले लयो आजादी फेर योगा कर के

गायक जैज़ी बी ने पिछले हफ्ते ‘बगावतां’ रिलीज़ की, जबकि अदाकार-गायक जिप्पी ग्रेवाल ने ‘जालम सरकारां’ रिलीज़ किया.

हिम्मत संधू का गीत ‘असी वड्डांगे’, जो दो महीने पहले रिलीज़ हुआ था, 71 लाख व्यूज़ ले चुका है.

एक और एक्टर-सिंगर दर्शन औलख ने, दो महीने पहले ‘किसान’ रिलीज़ किया.

सितंबर में किसानों से जुड़े गीतों में, अनमुल्ला जट का ‘किसान’, एली मंगत का ‘बागी किसान’ और बी संधू का ‘किसान बनाम दिल्ली’ शामिल हैं.

हरियाणवी गायक भी इसी राह पर

इस मामले में पीछे न रहते हुए, हरियाणवी गायक भी किसानों की हिमायत में गीत गा रहे हैं, जो इनक़लाबी जोश से भरे हैं.

सोमवार को रिलीज़ हुए, केलम सिवाच के ‘किसान देल्हिए’ में कहा गया है: ‘हक लेने आया से किसान दिल्लिए, लेवें ना तू म्हारे इम्तिहान दिल्लिए’.

सोमवार को एक और लोकप्रिय गायक राजू पंजाबी ने ‘किसान’ रिलीज़ किया.

इस मुद्दे पर दूसरे हरियाणवी गीतों में हैं, अजय हूडा का ‘किसान बनाम दिल्ली’, जो पिछले हफ्ले रिलीज़ हुआ, और नितिन चनियाला का ‘किसान आंदोलन’ जो पिछले महीने रिलीज़ हुआ था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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