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Friday, 22 November, 2024
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चीन के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को मिली जमानत

दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा को जमानत दी है. शर्मा को चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने सरकारी गोपनीयता कानून के तहत गिरफ़्तार किया था.

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नई दिल्ली: चीन खूफिया को पैसे के बदले संवेदनशील जानकारी मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा को शुक्रवार जमानत मिल गई है.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा को जमानत दी है. शर्मा को चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने सरकारी गोपनीयता कानून के तहत गिरफ़्तार किया था.

इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने जासूसी के मामले में स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को न्यायिक हिरासत में भेजा था. दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने बताया था कि 14 सितंबर को गिरफ्तार शर्मा के पास से रक्षा संबंधित कुछ गुप्त दस्तावेज मिले थे.

वहीं पत्रकार राजीव शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी में दर्ज जानकारी को अदालत ने ‘संवेदनशील’ परंतु ‘अधूरी’ बताया था.

अदालत ने कहा था कि शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत जासूसी के मामले में गिरफ्तार किए गए स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी की सामग्री ‘संवदेनशील’ है परंतु पुलिस की ओर से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति से तुलना करने पर यह ‘कम’ जान पड़ती है.

अदालत ने कहा था कि प्राथमिकी पुलिस द्वारा की जा रही जांच की प्रकृति के बारे में विस्तार से नहीं बताती है.

इस मामले में गिरफ्तार शर्मा और अन्य आरोपी चीनी नागरिक क्विंग शी को प्राथमिकी की प्रति मुहैया कराने के निर्देश देते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की थी.

हालांकि, अदालत ने आरोपियों की ओर से पेश वकीलों को प्राथमिकी की सामग्री का खुलासा सार्वजनिक तौर पर नहीं करने और केवल कानूनी उपायों का लाभ उठाने के लिए इसका उपयोग करने का निर्देश दिया.

ये था मामला

दिल्ली पुलिस ने मामले में बताया था कि गिरफ्तार फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा सीमा पर भारतीय रणनीति और सैनिकों की तैनाती संबंधी संवेदनशील जानकारी कथित तौर पर चीन के खुफिया विभाग को दे रहा था.

एक संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के उपायुक्त संजीव कुमार यादव ने बताया था कि शर्मा कुछ भारतीय मीडिया संगठनों के साथ-साथ चीन के ग्लोबल टाइम्स अखबार के लिए भी रक्षा मामलों पर लिखता था.

पुलिस ने दावा किया था कि चीनी खुफिया एजेंटों ने कथित तौर पर 2016 में उससे संपर्क किया था. शर्मा कुछ चीनी खुफिया अधिकारियों के संपर्क में भी था.

उन्होंने दावा किया कि फ्रीलांस पत्रकार को ‘गत डेढ़ साल में 40 लाख रुपये मिले. उसे प्रत्येक सूचना के बदले एक हजार अमेरिकी डॉलर (मौजूदा विनिमय दर के हिसाब से करीब 73 हजार रुपये) मिलते थे.’

दिल्ली पुलिस ने बताया था कि एक चीनी महिला और उसके नेपाली साथी को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने दावा किया था कि वे ‘चीनी खुफिया एजेंसी’ को संवेदनशील सूचना देने के एवज में फ्रीलांसर पत्रकार राजीव शर्मा को बड़ी राशि का भुगतान कर रहे थे.

उन्होंने बताया था कि बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य आपत्तिजनक/संवेदनशील सामग्री बरामद की गई है.

पुलिस ने बताया था कि शर्मा पीतमपुरा के रहने वाले हैं और दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने उन्हें गिरफ्तार किया है.

पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने शुक्रवार कहा था कि  उनके पास रक्षा से जुड़े कुछ गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए हैं. मामले की जांच चल रही और आगे की जानकारी बाद में दी जाएगी.

 

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