नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि तीन भारतीय- एक नहीं, जैसा कि पहले माना जा रहा था- अगस्त में अफगानिस्तान के नांगरहार सूबे में, जलालाबाद जेल पर हुए हमले में शामिल होने के संदिग्ध माने जा रहे हैं, जिसमें 29 लोग हलाक हुए थे.
सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि इस्लामिक स्टेट (आईएस, जिसे आईएसआईएस भी कहा जाता है) के 11 हमलावरों के एक ग्रुप फोटो से, जिसे आतंकी संगठन ने हमले के फौरन बाद, सोशल मीडिया पर जारी किया था, आख़िरकार इसका पर्दाफाश हुआ.
ये हमला, जिसकी ज़िम्मेवारी आईएसआईएस ने ली, 2 अगस्त को हुआ था, जब कुछ बंदूक़धारियों ने जेल के दरवाज़े पर कार बम धमाके किए थे. हमलावरों के साथ 20 घंटे चली लड़ाई में, उनमें से आठ ढेर कर दिए गए. जिस समय हमला हुआ जलालाबाद जेल में 1,793 क़ैदी थे, जिनमें अधिकांश तालिबान और आईएसआईएस लड़ाके थे. 1,000 से ज़्यादा क़ैदी निकल भागने में कामयाब हो गए, लेकिन उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.
सूत्रों ने बताया कि तीन संदिग्ध केरल से हैं, और उनके उपनाम अबु रैयान अल हिंदी (ग्रुप का प्रमुख), अबु रवाहा अल हिंदी, और अबु नोआह अल हिंदी हैं. सूत्रों ने कहा कि ये नाम आईएसआईएस समर्थक प्रकाशनों में बताए गए थे.
भारत की नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) पहले से ही, इस मामले में केरल से कुछ भारतीयों के, शामिल होने की जांच कर रही है.
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पलक्काड़ से दो दोस्त
शुरू में सिर्फ अबु रैयान उर्फ डॉ. ईजास के शामिल होने की बात सामने आई थी. केरल के कासरगोड़ ज़िले के पडाना का निवासी ईजास, आईएसआईएस में शामिल हेने के लिए, 2016 में एक ग्रुप के साथ अफगानिस्तान चला गया था, जिसमें उसकी पत्नी, छेटा भाई शिहास और कुछ दोस्त शामिल थे.
सुरक्षा प्रतिष्ठान में एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, ‘ईजास अपने परिवार और 14 अन्य के साथ मई और जुलाई 2016 के बीच, हैदराबाद से मस्कत होते हुए अफगानिस्तान के ख़ुरासान प्रांत चला गया था, और तभी से इस्लामिक स्टेट के साथ काम कर रहा है. लेकिन अब भारत से दो और लोगों के हमले में शामिल होने की बात सामने आई है’.
एक दूसरे शख़्स की पहचान बेक्सन उर्फ ईसा के तौर पर की गई है, जो ईजास का दोस्त है, और जिसे नाम से अबु रवाहा अल हिंदी कहा जाता है.
ईसा पाल्क्काड़ का निवासी है, जो आईएसआईएस में शामिल होने के लिए 2016 में अपनी पत्नी, छोटे भाई बेस्टिन उर्फ याहिया और कुछ दोस्तों के साथ भारत छोड़कर अफगानिस्तान चला गया था. ईसा के बारे में काफी जानकारी आईएस-समर्थक प्रकाशन द वॉयस ऑफ हिंद में दी गई थी.
सूत्र ने कहा, ‘ईसा की पहचान पहले एक ग्रुप फोटे से की गई थी, जो आईएसआईएस समर्थक मीडिया ने हमले के फौरन बाद जारी किया था’. सूत्र ने ये भी कहा कि इस प्रकाशन के ताज़ा एडिशन में, उसके बारे में तफसील से जानकारी दी गई है.
सूत्र ने कहा, ‘लेख में कहा गया है कि ईसा के छोटे भाई बेस्टिन की, 2017 में अफगानिस्तान में एक हवाई हमले में मौत हो गई थी और इन दोनों भाइयों ने 2015 में ईसाई धर्म छोड़कर इस्लाम क़बूल कर लिया था.
सूत्र ने कहा कि इस नैरेटिव से साफ ज़ाहिर है कि ईसा इस हमले में शामिल था.
एक तीसरा भारतीय कथित रूप से शामिल
आईएसआईएस हमलावरों का जो फोटो जारी किया गया था, उससे तीसरे संदिग्ध कन्नौर के सज्जाद की, भारत में उसके परिवार और दोस्तों ने शिनाख़्त की.
सूत्र ने कहा, ‘जांच के दौरान 11 लोगों के ग्रुप फोटो से, उसके कुछ रिश्तेदारों और दोस्तों ने कन्नौर ज़िले के सज्जाद के की शिनाख़्त की. लेकिन हम निश्चित नहीं हैं कि उसने अबु नोआह का उपनाम लिया कि नहीं. इसकी पुष्टि किए जाने की ज़रूरत है’.
सूत्र के मुताबिक़, सज्जाद आईएसआईएस में शामिल होने के लिए, अपनी पत्नी शाहीना, दोस्त अनवर अथक्कन, नफसीला और निज़ामुद्दीन- जो सब कन्नौर निवासी थे- के साथ 2018 में यूएई के रास्ते अफगानिस्तान चला गया था.
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