नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को बयान जारी कर दो घटनाओं पर चिंता जताई. जिसमें प्रसार भारती द्वारा न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया का सब्सक्रिप्शन रद्द करना और ओडिशा पुलिस द्वारा एक पत्रकार को नवीन पटनायक सरकार की हकीकत उजागर करने पर उठाना शामिल है.
गिल्ड ने कहा कि सरकारें और एजेंसियां मीडिया संस्थानों पर ‘बदले की भावना’ से कार्रवाई कर रही है.
प्रसार भारती ने गुरुवार को एक बैठक में दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के पीटीआई के साथ और यूनिइटेड न्यूज ऑफ इंडिया के साथ सब्सक्रिप्शन को खत्म करने का फैसला किया था. पीटीआई द्वारा भारत में चीन के राजदूत सुन वीडोंग का साक्षात्कार करने के बाद ही एजेंसी विवादों में थी.
ओडिशा में पुलिस ने ओटीवी पत्रकार रमेश रथ को उठा लिया. उनके चैनल ने दावा किया कि उन्हें अपने परिवार के सदस्यों के साथ किसी भी तरह के संवाद की अनुमति नहीं थी और आरोप लगाया कि यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि रथ ने ‘उजागर’ किया कि राज्य में बाढ़ की स्थिति का सीएम नवीन पटनायक का हवाई मूल्यांकन सिर्फ 19 मिनट तक चला. पुलिस ने दावा किया था कि रथ को एक महिला सांसद की अश्लील वीडियो प्रसारित करने के लिए उठाया गया था.
एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि दोनों कार्रवाई ‘धमकी के साथ-साथ मीडिया संस्थानों के स्वतंत्र कार्य को कमजोर करती है’ और इसे ‘वापस लिया जाना चाहिए’.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के पूरे बयान को यहां पढ़ें:
The Editors Guild of India has issued a statement pic.twitter.com/hSCJBUKpI5
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) October 16, 2020