स्टॉकहोम: रसायन विज्ञान के क्षेत्र में वर्ष 2020 का नोबेल पुरस्कार ‘जीनोम एडिटिंग’ पद्धति का विकास करने के लिये एमैनुएल चारपेंटियर और जेनीफर डॉडना को देने की बुधवार को घोषणा की गई. चारपेंटियर ने इस कहा कि यह पुरस्कार युवा लड़कियों को सकारात्मक संदेश देगा.
स्टॉकहोम में स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की घोषणा की.
BREAKING NEWS:
The 2020 #NobelPrize in Chemistry has been awarded to Emmanuelle Charpentier and Jennifer A. Doudna “for the development of a method for genome editing.” pic.twitter.com/CrsnEuSwGD— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2020
पुरस्कार मिलने पर एमैनुएल चारपेंटियर ने कहा कि मेरी कामना करती हूं कि यह पुरस्कार उन युवा लड़कियों को एक सकारात्मक संदेश देगा जो विज्ञान की राह का अनुसरण करना चाहती हैं, और यह दिखाना चाहती हैं कि विज्ञान में महिलाएं भी शोध के माध्यम से प्रभाव डाल सकती हैं जो कि वे परफॉर्म कर रही हैं.’
इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और पुरस्कार की राशि के रूप में 10.1 लाख डॉलर से अधिक नकद राशि दी जाती है. मुद्रास्फीति के मद्देनजर पुरस्कार की राशि हाल ही में बढ़ाई गई थी.
‘जीनोम एडिटिंग’ एक ऐसी पद्धति है, जिसके जरिये वैज्ञानिक जीव-जंतु के डीएनए में बदलाव करते हैं. यह प्रौद्योगिकी एक कैंची की तरह काम करती है, जो डीएनए को किसी खास स्थान से काटती है. इसके बाद वैज्ञानिक उस स्थान से डीएनए के काटे गये हिस्से को बदलते हैं. इससे रोगों के उपचार में मदद मिलती है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)