नई दिल्ली: टाइम मैगज़ीन के टाइम 100, 2020 में करीब आधा दर्जन भारतीय और भारतीय मूल के लोग का नाम शामिल हैं. इसमें शाहीन बाग़ की दादी से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और सुंदर पिचाई के नाम हैं. इन लोगों ने टाइम 100 के अलग-अलग कैटेगरी में जगह बनाई है. आइए लिस्ट में जगह बनाने वालों के बारे में जानते हैं.
पॉयनियर्स की कैटेगरी में भारतीय मूल के बॉयोलजिस्ट प्रोफ़ेसर रविंद्र गुप्ता शामिल हैं. लिस्ट में शामिल हर व्यक्ति पर एक लेख लिखा है गया है और गुप्ता के बार में लेख लिखने वाले का नाम एडम कैस्टिलैजो है. न्यूयॉर्क टाइम्स की मार्च 2009 की एक रिपोर्ट के मुताबिक एड्स से ठीक होने वाले एडम दूसरे मरीज़ हैं.
इस बीमारी पर जीत दिलाने का श्रेय गुप्ता को देते हुए एडम ने लेख में कहा, ‘बीतते समय के साथ हमारी पार्टनरशिप बेहतर और मज़बूत हुई है और ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि गुप्ता ने सबके लिए एड्स का इलाज खोजने को लेकर अपनी जानकारी साझा की है और काफ़ी उत्साह दिखाया है.’
गुप्ता दक्षिण अफ्रीका के डरबन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज में क्लीनिकल माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफ़ेसर और वेलकम ट्रस्ट के सीनियर फेलो और हैं.
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इस लिस्ट में आर्टिस्ट की कैटेगरी में आयुष्मान खुराना का नाम शामिल है. आयुष ने विकी डोनर, अंधाधुंध और आर्टिकल-15 जैसी फ़िल्में की हैं जिनके बूते उन्होंने अपना ऑडियंस बेस बनाया है.
खुराना पर लिखे लेख में बॉलीबुड अदाकारा दीपिका पादुकोण ने कहा, ‘एक तरफ़ जहां मर्दों द्वारा निभाई गई भूमिका अक्सर रूढ़िवादी मर्दवाद के जाल में फंस जाती हैं, वहीं दूसरी तरफ़ आयुष्मान ने इन रूढ़िवादी मर्दवादी भूमिकाओं को उनके द्वारा निभाई गई भूमिकाओं से चुनौती दी है.’
लीडर्स की कैटेगरी में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम शामिल है. पीएम मोदी पर लिखे लेख में टाइम मैगज़ीन के पत्रकार कार्ल विक ने कहा, ‘हालांकि, भारत के लगभग हर प्रधानमंत्री हिंदू समुदाय से आते हैं जिसकी आबादी 80% के करीब है, लेकिन सिर्फ़ मोदी ने ही ऐसे शासन किया है जैसे और कोई मायने नहीं रखता.’
विक का कहना है कि लोकतंत्र की सफ़लता सिर्फ़ स्वतंत्र चुनाव से नहीं तय होती. इससे ये पता चलता है कि किसको सबसे ज़्यादा वोट मिले. उनका कहना है, ‘असल में ये मायने रखते हैं कि जिन्होंने जीतने वाली पार्टी के लिए वोट नहीं किया उनके अधिकार कितने सुरक्षित हैं.’
इसी कैटेगरी में अमेरिकी डेमोक्रेट कमला हैरिस का भी नाम शामिल है जिन्हें इसी पार्टी के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार जो बिडेन ने अपना रनिंग मेट घोषित किया है. हैरिस की पार्टी से ताल्लुक रखने वाली कांग्रेस विमन आयान प्रेसली ने उन पर लिखे लेख में लिखा है कि हैरिस पहली अश्वेत और भारतीय मूल की अमेरिकी हैं जिसे किसी बड़ी पार्टी ने उप राष्ट्रपति के लिए नॉमिनेट किया है.
प्रेसली ने लिखा है, ‘कमला का नॉमिनेशन उस सपने के साकार होने जैसा है जिसे साकार करने के लिए लंबा संघर्ष किया गया है. हर दिन नन्हीं लड़कियों और युवा महिलाएं कमला के आर्दशों और उम्मीदों को अपनाती हैं क्योंकि कमला को आदर्श मानती हैं.’
इस लिस्ट में टाइटन्स की कैटेगरी में भारतीय मूल के अमेरिकी सुंदर पिचाई का नाम शामिल है. वैसे तो पिचाई किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं लेकिन उनके बारे में लिखे लेख में अमेरिकी बिज़नेस एग्जिक्यूटिव जेमी डायमॉन ने कहा, ‘उन्होंने अपनी नैसर्गिक प्रतिभा और काम से जुड़ी कड़ी नैतिकता का इस्तेमाल गूगल (अब अल्फ़ाबेट) में सफ़लता के पायदान चढ़ने के लिए किया.’
लिस्ट में आख़िरी नाम 82 साल की भारतीय महिला बिलकिस का है. बिलकिस शाहीन बाग के सीएए-एनआरसी-एनपीआर विरोधी धरने में शुरू से शामिल रहीं. इनके ऊपर लिखे लेख में पत्रकार राणा अयूब ने कहा, ‘बिलकिस के लिए ये सम्मान ज़रूरी है ताकि दुनिया अत्याचार के ख़िलाफ प्रतिरोध की ताकत को पहचान सके.’
लिस्ट में पॉयनियर्स की कैटेगरी में सबसे पहला नाम अमेरिका की अश्वेत महिला रैपर मेगन स्टैलियॉन का है. आर्टिस्ट की कैटेगरी में पहला नाम कनाडा के अश्वेत गायक द वीकेंड का है. लीडर्स में कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ अमेरिका का चेहरा बना एंथॉनी फॉची का नाम पहले नंबर पर है.
टाइटन्स की कैटेगरी में पहला नाम अमेरिकी मूल की अश्वेत अदाकारा ग्रैबियल यूनियन का है. आइकन्स की लिस्ट में पहला नाम अमेरिका के ब्रुकलिन स्थित वैकॉफ़ हॉस्पिटल की नर्स एमि ओसालिवन का है.
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