लद्दाख में शांति के लिए भारत-चीन का पांच सूत्रीय एजेंडा अप्रत्याशित रूप से पहले ही दौर में विफल हो गया. चीन, जैसा कि आशंका थी अपनी बातों और कार्यों में निष्ठा नहीं दिखा रहा है. यह भारत के लिए अपने डिफेन्स को मजबूत करने, दबाव बनाए रखने तथा बात करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं छोड़ता है.