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Friday, 22 November, 2024
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दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने दहशत फैलाने के लिए 2 आदिवासी युवकों की हत्या कर, एसपी पल्लव को ठहराया जिम्मेदार

छत्तीसगढ़ में माओवादियों ने ग्रामीणों के बीच दहशत बनाये रखने के लिए शादी तय करने गए अशोक कुंजाम और बंडारा को मौत के घाट उतार दिया है. हत्या की सफाई में नक्सलियों ने एक पर्चा जारी कर दोनों युवाओं को पुलिस का गोपनीय सैनिक बताया है.

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में माओवादियों ने ग्रामीणों के बीच अपनी दहशत बनाये रखने के लिए शादी तय करने गए एक युवक और उसके साथी को मौत के घाट उतार दिया है. यही नहीं पुलिस ने बताया कि मृतकों के साथ जाने वाली गांव की पांच महिलाओं को भी नक्सलियों नेे बेरहमी से पीटा है.

मामला दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल थाना क्षेत्र के टोकापारा गांव का है.

अशोक कुंजाम, 27 वर्ष, और उसका 26 वर्षीय साथी बंडार कुंजाम 1 सितंबर को पारिवारिक की पांच महिलाओं के साथ अपने गांव से करीब 10 किलोमीटर दूर डूडी तुमनार गांव, 22 वर्षीय जोगी से अशोक की शादी पक्की करने गए हुए थे. जोगी और अशोक एक दूसरे को कई सालों से पसंद करते थे.

किरंदूल पुलिस के अनुसार अशोक और बंडारा जब डूडी तुमनार पहुंचे तो नक्सलियों के एक दल ने उन्हें अगवा कर लिया. ये नक्सली गांव में पहले से ही मौजूद थे और एक बैठक कर रहे थे.

तीन दिनों तक नक्सलियों के गिरफ्त में रहे दोनों युवकों की लाश 3 सितंबर की रात करीब 11 बजे हिरोली गांव में मिली. ये गांव टोकापारा और डूडी तुमनार के बीच में पड़ता है.

जब नक्सलियों द्वारा इस घटना के बारे में दिप्रिंट ने छानबीन की तो किरंदूल के थाना प्रभारी दया किशोर बरुआ ने इसकी पुष्टि की.

प्रभारी ने बताया, ‘अशोक और उसका साथी बंडारा दोनों अच्छे दोस्त थे. दोनों पांच अन्य ग्रामीणों के साथ शादी की बात पक्की करने गए हुए थे, जहां नक्सलियों ने उनको अगवा कर लिया और 3 सितंबर की रात उनकी गला रेतकर हत्या कर दी.’

बरुआ ने आगे कहा, ‘नक्सलियों के इस बर्ताव से आस-पास के ग्रामीणों में काफी रोष है. दोनों युवकों को नक्सलियों द्वारा अगवा करने का दहशत गर्दी फैलाने के सिवाय कोई कारण अभी तक सामने नही आया है. परिजन भी दहशत में हैं लेकिन उनके साथ गांव के सभी लोग हैं.’


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विरोध में ग्रामीण

ग्रामीणों की हत्या पर दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा, ‘नक्सली निर्दोष ग्रामीणों को अपनी दहशत बनाये रखने के लिए निशाना बना रहे हैं. लेकिन ग्रामीण भी उनके विरोध में आने लगे हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘अशोक और उसका साथी तो शादी की बात करने गए हुए थे. नक्सलियों द्वारा पकड़े जाने पर युवकों ने उन्हें बताया भी कि वे वहां शादी की बात करने आए है लेकिन माओवादियों ने उनकी नही सुनी. नक्सली अब सामाजिक रीति रिवाज़ में भी दखल देने लगे हैं.’

‘जानकारी के अनुसार दोनों युवकों की हत्या करने के साथ-साथ नक्सलियों ने पांच अन्य ग्रामीणों की भी पिटाई की है. कुछ नक्सलियों के खिलाफ नामजद और कुछ अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली गई है.पुलिस द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी.’


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नक्सलियों ने बताया पुलिस के सैनिक

हत्या की सफाई में नक्सलियों ने एक पर्चा जारी किया है और कहा है कि अशोक कुंजाम और बंडारा कुंजाम ‘पुलिस के गोपनीय सैनिक’ थे. इन्हें जन अदालत में मौत की सजा दी गयी है.

नक्सली पर्चे में य़ह भी कहा गया है कि दोनों, ‘डीआरजी बलों के साथ कई अभियानों में शामिल थे. हमारी जनता और पीएलजीए के साथियों को फर्जी मुठभेड़ों में और हत्या करने में इन्होंने ने ही भूमिका निभाई है.’

नक्सलियों ने ग्रामीणों को चेतावनी दी कि इस तरह पुलिस का मुखबिरी, गोपनीय सैनिक न बनें वर्ना आपको भी ऐसी ही मौत की सजा मिलेगी.’

नक्सलियों ने पर्चे में इस घटना के लिए दंतेवाड़ा के ‘एसपी अभिषेक पल्लव’ को जिम्मेदार ठहराया है.

नक्सलियों द्वारा दोनों युवाओं की मौत की जिम्मेदार ठहराए जाने पर एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा, ‘उनका यह कहना की मारे गए ग्रामीण पुलिस के मुखबिर हैं, सरासर गलत है.’ उन्होंने कहा कि दरअसल जिस गांव में मृतक गए थे वह बीजापुर जिले में आता है. यह पर्चा भी बौखलाहट में सीपीआई (माओवादी) की गंगलूर एरिया कमेटी द्वारा फेंका गया है जो बीजापुर में पड़ता है.

अभिषेक ने दिप्रिंट से कहा, ‘नक्सली पुलिस के खुफिया तंत्र से परेशान हैं. लेकिन वे आज तक हमारे एक भी कोवर्ट (मुखबिर) की पहचान नही कर पाए. उन्होंने पुलिस मुखबिर के नाम पर सिर्फ निर्दोष ग्रामीणों को मारा है. इन दोनों युवकों का और उनके साथ गई महिलाओं का पुलिस से क्या लेना देना.’


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10 दिनों में पांच हत्या

गौरतलब है कि बस्तर के दंतेवाड़ा, कांकेर और बिजापुर में माओवादियों ने पिछले दस दिनों में पांच लोगों को अगवा कर हत्याएं की हैं. इनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.

छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स (सीएएफ) बोदली कैम्प से लापता हेड कांस्टेबल का शव 1 सितंबर को करियामेटा गांव के पास बीच सड़क पर मिला था. दंतेवाड़ा पुलिस के अनुसार मृतक सीएएफ जवान कनेश्वर नेताम हेड कॉन्स्टेबल था जो 26 अगस्त से कैम्प से लापता था.

इसके पहले 2 सितंबर को नक्सलियों ने एक पूर्व सरपंच घस्सूराम उसेंडी की हत्या गोली मारकर कर दी थी.

बड़गांव थानाक्षेत्र में हुई इस घटना से पहले नक्सलियो ने चार बार ग्राम पंचायत मंडागांव के सरपंच रहे उसेंडी को कई बार पर्चे फेंककर जान से मारने की धमकी दी थी.

नक्सलियों ने 30 अगस्त को बीजापुर जिले के कुटरू थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर नागैय्या कोरसा का अपहरण कर लिया था. कोरसा का शव दूसरे दिन 31 अगस्त को बीजापुर-कुटरू मार्ग पर केतुलनार के पास मिला था.

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