नई दिल्ली: एलएसी पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे बृहस्पतिवार को पूर्वी लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर हैं. वह लेह पहुंचे हैं जहां सेना की तैयारियों का जायजा लेंगे.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आस-पास यथास्थिति को बदलने के चीन के हालिया प्रयासों के मद्देनजर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के मकसद से सेना प्रमुख का यह दौरा हो रहा है.
नरवणे को इस दौरान वरिष्ठ फील्ड कमांडर उन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के जमीनी हालात की जानकारी देंगे. सेना के सूत्रों से यह जानकारी मिली है.
During the two day visit, the Army Chief will also review the operational preparedness of the troops who are locked in a stand off with Chinese troops for over three months now: Army Sources https://t.co/5P6YpC38Ab
— ANI (@ANI) September 3, 2020
सूत्र के अनुसार अपने इस दो दिवसीय दौरे के दौरान सेना प्रमुख सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारियों का भी मुआयना करेंगे. पूर्वी लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर सेना प्रमुख नरवणे को शीर्ष कमांडर क्षेत्र की मौजूदा स्थिति से अवगत कराएंगे.
नरवणे का यह दौरा तब हो रहा जब भारतीय सैनिक ने लद्दाख में एरिया में अपनी तैनाती फिर से मजबूत की है.
वह इस दौरान चीन के साथ तीन महीन से अधिक समय से जारी गतिरोध के बीच भारतीय सेना की तैयारियों की समीक्षा करेंगे.
पेगोंग झील इलाके में उस वक्त तनाव बढ़ गया था जब चीन ने झील के दक्षिणी तट में कुछ इलाकों पर कब्जा करने का असफल प्रयास किया जिसके बाद भारत ने संवेदनशील क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक एवं हथियार भेजे.
भारतीय सेना ने सोमवार को कहा कि चीनी सेना ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात को पेगोंग झील के दक्षिणी तट पर ‘एकतरफा’ तरीके से यथास्थिति बदलने की ‘उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां’ की लेकिन भारतीय सैनिकों ने उसके प्रयास को विफल कर दिया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) फिर से एक दिन पहले ‘उकसाने वाली कार्रवाई’ कर रही थी जब दोनों पक्ष के कमांडर स्थिति को सामान्य बनाने के लिए वार्ता कर रहे थे.
इन प्रयासों के बाद, भारतीय सेना ने पेगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर कम से कम तीन रणनीतिक चोटियों पर अपनी उपस्थिति बढ़ा दी थी.
सूत्रों ने कहा कि एहतियात के तौर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में पेगोंग झील के उत्तरी तट पर सैनिकों की तैनाती में कुछ ‘फेर-बदल’ भी किए गए हैं.
भारतीय सेना पैंगोग त्सो में अपनी पॉजिशन बदल सैनकों को ‘फिर से तैनात’ किया
वहीं इससे पहले भारत लद्दाख में अपनी तैनाती बढ़ा रहा है और किसी भी तरह पीछे हटने को तैयार नहीं है. भारतीय सेना की एक स्पेशल यूनिट लद्दाख के उत्तरी किनारे पैंगोंग त्सो में फिंगर 4 की ‘डोमिनेटिंग हाइट’ (सबसे ऊंचे वाले स्थान) पर पहुंचने में कामयाब हो गई है. दिप्रिंट को पता चला है कि अप्रैल में जहां चीन ने घुसपैठ की थी भारतीय सेना ने वहां अपनी पहुंच बना ली है.
हालांकि कब्जे की बात को सेना के सूत्र ने खारिज करते हुए कहा, ‘फिंगर 4 पर ऊंचाइयों पर भारतीय सैनिकों की कब्जा करने की रिपोर्ट सही नहीं है. एहतियाती तैनाती के एक हिस्से को 30 अगस्त को, पैंगोंग त्सो के उत्तरी बैंक पर अपनी तरफ की एलएसी में हमने अपनी पॉजिसंस को कुछ रिअर्जेस्टमेंट किया था.
वर्तमान में चीन का फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच के क्षेत्रों पर कब्जा है, जो लगभग 8 किमी की दूरी पर है, जो एलएसी पर भारत की तरफ आता है.