नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच एक से 13 सितंबर तक होने वाली जेईई-नीट परीक्षा के लिए सरकारें छात्रों की मुश्किलों को देखते ट्रांसपोर्ट सहित उनके लिए तमाम व्यवस्थाएं कर रही हैं. अलग-अलग राज्यों की सरकारें छात्रों की मदद के लिए आगे आई हैं. हालांकि गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों ने मोदी सरकार के कोविड के दौरान परीक्षा कराने के इस कदम का विरोध भी किया है.
परीक्षा में शामिल हो रही छात्राओं के साथ उनके एक अभिभावक को भी यात्रा की अनुमति होगी, यात्रा निःशुल्क होगी और इसके लिए कोई राशि नहीं ली जाएगी। इसका व्यय राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 30, 2020
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने लगातार दो ट्वीट करके प्रशासन को परीक्षार्थियों की मदद के निर्देश दिये हैं.
उन्होंने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि नीट-जेईई (NEET-JEE) परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था करें. प्रत्येक जिले में बसों आदि की व्यवस्था परीक्षार्थियों की संख्या के आधार पर किया जाए. एडमिट कार्ड के साथ ही वाहन में यात्रा करने की अनुमति दी जाय.
सीएम ने कहा है कि छात्रों के साथ उनके अभिभावक भी जा सकते हैं और यह सेवा मुफ्त होगी.
ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने भी छात्रों के लिए बसों के व्यवस्था की है. केओन्झार जिले से राज्य सरकार के बस से परीक्षार्थियों का पहला बैच रवाना हुआ है. वहीं सीएम ने अपने सभी विधायकों को इन छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है.
वहीं झारखंड बीजेपी ने छात्रों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. इसके अलावा सेंटर के बाहर सैनिटाइजर्स, मास्क सहित छात्रों की सुरक्षा के लिए तमाम प्रबंध करने की तैयारी की है.
सोरेन ने की मोदी सरकार की आलोचना
इसस पहले झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर जेईई परीक्षा कराने पर चिंता जताई है और मोदी सरकार के रवैये पर सवाल खड़ा किया है. सोरेन ने ट्वीट कर कहा है कि आज रात मैं चिंतित और तनावग्रस्त हूं क्योंकि भारत में हर एक दिन में 75,000 कोविड-19 मामलों का रिकार्ड बन रहा है फिर भी हमारे केंद्रीय शिक्षा मंत्री सितंबर में #JEENEET परीक्षा कराने के लिए लाखों छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बारे में जी दूर-दूर तक चिंतित नहीं हैं.
झारखंड सरकार ने होटल, लॉज खोलने का निर्णय लिया
झारखंड सरकार ने शुक्रवार को अनलॉक-4 के तहत नीट एवं जेईई की परीक्षाओं के मद्देनजर राज्य में होटल, लॉज खोलने की अनुमति दे दी तथा राज्य के भीतर स्थानीय बस सेवा प्रारंभ करने की भी घोषणा की है.
JEE-NEET aspirants wanted the PM do ‘Pariksha Pe Charcha’ but the PM did ‘Khilone Pe Charcha’.#Mann_Ki_Nahi_Students_Ki_Baat
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 30, 2020
छात्र चाहते थे परीक्षा पर चर्चा, खिलौने पर नहीं : राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि छात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में नीट और जेईई की परीक्षाओं के मुद्दे का समाधान चाहते थे, लेकिन उन्होंने खिलौने पर चर्चा की.
आकाशवाणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने ‘मन की बात’ संबोधन में कहा कि देश के पास खिलौना उद्योग का केंद्र बनने की प्रतिभा और क्षमता है. साथ ही, उन्होंने स्टार्ट-अप एवं नए उद्यमियों से खिलौना उद्योग से बड़े पैमाने पर जुड़ने की अपील की. इसके बाद, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की यह टिप्पणी आई.
‘मन_की_नहीं_छात्रों_की_बात’’ हैशटैग के साथ राहुल ने ट्वीट किया, ‘जेईई-नीट के अभ्यर्थी प्रधानमंत्री से परीक्षा पर चर्चा की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने खिलौने पर चर्चा की.’
राहुल और उनकी पार्टी (कांग्रेस) ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर नीट और जेईई की परीक्षाएं टालने की बड़ी संख्या में छात्रों की मांग का समर्थन किया है. ये परीक्षाएं एक सितंबर से शुरू हो रही हैं.
छह राज्यों की सरकारों ने अपने मंत्रियों के जरिये उच्चतम न्यायालय का रुख कर एक पुनर्विचार याचिका दायर की है और इन परीक्षाओं को टालने की मांग की है.
प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप एवं नए उद्यमियों से खिलौना उद्योग से बड़े पैमाने पर जुड़ने के साथ-साथ भारत में और भारत के ‘कंप्यूटर गेम्स’ बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान में इन क्षेत्रों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है.
उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर भी अपने रेडियो कार्यक्रम में चर्चा की.