नई दिल्ली: ड्रीम 11 को आईपीएल का स्पॉन्सर बनाने के विवादास्पद मुद्दे पर गंभीर रूख अपनाते हुए कॉन्फ़ेड्रेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय खेल राज्य मंत्री किरण रिजिजू को पत्र लिखकर तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा ड्रीम 11 को आईपीएल का प्रायोजक (स्पॉन्सर) बनाने को कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लोकल फॉर वोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान को विफल करने का प्रयास बताया.
कैट ने कहा, ‘बीसीसीआई जो कर रहा है वो सरकार द्वारा आक्रामक रूप से चीनी कंपनियों को भारत में रोकने के लिए उठाए गए कदमों के विपरीत है.’
कैट ने कहा, ‘सरकार द्वारा रेलवे, राजमार्ग सहित विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में चीनी कंपनियों की भागीदारी को प्रतिबंधित करने के साथ-साथ चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध भी लगाया गया है. लेकिन इसके ठीक उलट चीनी निवेश वाली कंपनी ड्रीम 11 को प्रायोजक बनाना एक विरोधाभास गलत कदम है.’
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‘बीसीसीआई ने भारतीयों की भावना का अनादर किया’
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि एक तरफ सरकार देश को चीनी कंपनियों के दुष्चक्र से मुक्त करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है जबकि दूसरी तरफ बीसीसीआई पूरी तरह से चीनी कंपनियों पर निर्भर है.
भरतिया ने कहा कि बीसीसीआई ने इस महीने की शुरुआत में चीनी हैंडसेट निर्माता वीवो को दुबई में आयोजित होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग 2020 के शीर्षक प्रायोजक के रूप में बनाए रखने का फैसला किया था.
उन्होंने कहा कि देश में प्रचलित चीन विरोधी भावनाओं के मद्देनज़र कैट और अन्य लोगों द्वारा कड़ी आपत्तियां की गई जिसके चलते वीवो के साथ अनुबंध रद्द कर दिया गया.
भरतिया ने कहा, ‘एक बड़े झटके के रूप में बीसीसीआई ने एक बार फिर से भारत के लोगों की भावनाओं का अनादर किया और ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ड्रीम 11 से स्पॉन्सरशिप का अनुबंध किया है जिसमें चीनी निवेशक टेनसेंट ग्लोबल भी है, जो इसके प्रमुख हितधारकों में से एक है.’
वहीं, इसके राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, ‘चीनी सेना द्वारा देश के 20 वीर पुत्रों की नृशंस हत्या कर दी गई. देश चीन को कड़ा जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा. लेकिन सरकार की व्यापक नीति की रूपरेखा के खिलाफ बीसीसीआई निंदनीय काम कर रहा है.’
कैट के मुताबिक बीसीसीआई का यह बेहद असंवेदनशील व्यवहार इस बात का प्रतीक है कि वीवो को रोकने का पहले का निर्णय एक मात्र छलावा था और बीसीआईआई वास्तव में भारतीय सैनिकों के प्रति बिल्कुल भी सहानुभूति नहीं रखता है और ना ही भारतीय नागरिकों की भावनाओं का सम्मान करता है.
खेल मंत्री को लिखे पत्र में कैट ने इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया और किसी भारतीय कंपनी को प्रायोजक बनाए जाने की मांग की है.
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