लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण न सिर्फ आम लोगों को बल्कि खास लोगों के लिए भी बड़ा खतरा बनता जा रहा है. यूपी में अब तक योगी सरकार के 8 मंत्री कोरोना के चपेट में आ चुके हैं जिनमें दो की मौत हो चुकी है. बीते रविवार कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान का निधन हो गया. इससे पहले कैबिनेट मंत्री कमल वरुण रानी की भी मौत कोरोना से हुई थी. कोरोनो के कहर को देखते हुए विधानसभा सत्र से पहले सभी विधायकों व कर्मचारियों का कोविड टेस्ट कराने की तैयारी है. 20 अगस्त से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है.
विधानसभा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सोमवार को कई कर्मचारियों के टेस्ट कराए गए जिनमें 20 पाॅजिटिव पाए गए. इस कारण विधानसभा व सचिवालय में खलबली मच गई. अब सत्र में भाग लेने वाले विधायकों का भी कोरोना टेस्ट कराया जाएगा.
विपक्षी नेताओं ने विधानसभा सत्र से पहले उठाए सवाल
लगातार कोरोना का शिकार हो रहे नेताओं के केसों को ध्यान में रखते हुए पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मांग की है कि विधानसभा सत्र से पहले सभी जनप्रतिनिधियों के लिए कोरोना से बचाव के समुचित प्रबंध किए जाएं. यूपी में 20 अगस्त से विधानसभा सत्र प्रस्तावित है.
कांग्रेस की सीएलपी लीडर मोना मिश्रा का कहना है कि कोरोना से बचाव को लेकर सरकार के दावे झूठे साबित होते जा रहे हैं. आए दिन खतरा बढ़ता जा रहा है. सरकार ये बताए कि जनप्रतिनिधियों को इससे बचाने के क्या इंतजाम हैं. आम जनता तो त्रस्त है अब जनप्रतिनिधियों पर भी खतरा है. इसको लेकर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को भी पत्र लिखा है.
सरकार की ओर से फिलहाल कोई बयान नहीं आया है. दिप्रिंट ने यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से संपर्क करने की कोशिश की तो उनका फोन बंद मिला. अगर उनसे बात होती है तो खबर को अपडेट किया जाएगा.
अब तक 8 मंत्री कोरोना की चपेट में
अब तक 8 मंत्री कोरोना के चपेट में आ चुके हैं जिनमें स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह, आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धरम सिंह सैनी, खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेंद्र तिवारी शामिल हैं. ये सभी आप ठीक हो चुके हैं. हालांकि ब्रजेश पाठक बीते रविवार डिस्चार्ज होने के बाद होम आइसोलेशन में जा चुके हैं. वहीं महेंद्र सिंह भी आइसोलेशन में हैं.
यूपी में लीडर ऑफ अपोजिशन राम गोविंद चौधरी को जून में कोरोना हो गया था. वह लगभग 40 दिन अस्पताल में रहने के बाद बीते 2 अगस्त को डिस्चार्ज हुए. इसके अलावा सपा के ही एमएलसी सुनील सिंह साजन भी कोरोना के शिकार हो चुके हैं. इसके अलावा पूर्व सांसद धर्मेंद यादव भी चपेट में आ चुके हैं.
इनके साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी कोरोना के लक्षण होने के कारण होम आइसोलेशन में हैं.
बता दें कि बीती 11 जुलाई को कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने पर कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान को लखनऊ के पीजीआई में भर्ती कराया गया था. यहां हालत बिगड़ने पर 15 जुलाई को उन्हें गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्ताल में शिफ्ट किया गया था, जहां रविवार को उनका निधन हो गया.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में इस समय प्रदेश में एक्टिव केसों की कुल संख्या 50,893 है. पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 4,186 नए मामले सामने आए हैं. कोरोना के कारण अब तक यूपी में 2515 लोगों की जान जा चुकी है.
सरकार के जुड़े सूत्रों की मानें तोकोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे खतरे को देखते हुए यूपी में विधानसभा सत्र से पहले सभी सदस्यों का कोरोना टेस्ट होगा. विधानमंडल का मानसून सत्र 20 अगस्त से शुरू हो रहा है. कोरोना संकट के चलते सत्र की बैठकें केवल तीन दिन होंगी. संक्रमण रोकने के लिए विधानसभा सचिवालय में कोविड-19 के पूरे प्रोटोकाल का पालन कराया जाएगा. वहीं सचिवालय कर्मचारियों का भी टेस्ट किया जाएगा.