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Friday, 22 November, 2024
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महाराष्ट्र के मास्टर डेटाबेस में वेंडर्स, वकील, डांसर्स, ब्रोकर्स को भी बतौर प्रवासी श्रमिक शामिल किया जाएगा

महाराष्ट्र सरकार राज्य में 300 प्रकार के कार्यों में जुटे प्रवासी श्रमिकों का एक मास्टर डेटाबेस तैयार करने की योजना बना रही है.

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मुंबई: लॉकडाउन के दौरान भारी संख्या में प्रवासी श्रमिक, महाराष्ट्र छोड़कर चले गए थे जिनमें से बहुत से बाद में लौट आए जिसके बाद अब राज्य सरकार 300 प्रकार के कार्यों में जुटे प्रवासी श्रमिकों का एक मास्टर डेटाबेस तैयार करने की योजना बना रही है जिनमें वेल्डर्स से वकील और शराब बनाने वाले तक शामिल होंगे.

राज्य का श्रम विभाग ये डेटाबेस रखने की योजना बना रहा है जिसमें प्रवासी श्रमिकों की दस चीज़ों की जानकारी रखी जाएगी जिनमें मोबाइल और आधार नंबर शामिल होंगे.

राज्य के श्रम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘कोविड की वजह से महाराष्ट्र में काम कर रहे बहुत से प्रवासी श्रमिक, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश आदि अपने राज्यों में लौट गए थे. इसी तरह उनमें से कुछ श्रमिक अब महाराष्ट्र वापस आ रहे हैं’.

नाम न बताने की शर्त पर उक्त अधिकारी ने कहा, ‘पिछले कुछ महीनों में जो कुछ हुआ, उसे देखते हुए बहुत ज़रूरी है कि महाराष्ट्र में काम कर रहे तमाम प्रवासी श्रमिकों की एक सूची बनाई जाए जिसमें उनसे जुड़ी कुछ बुनियादी जानकारियां हों’.


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नमक के मज़दूरों से लेकर शेयर ब्रोकर्स तक

अधिकारी ने कहा कि असंगठित कामगार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम 2008 के अनुसार कोई भी उद्योग जिसमें दस से कम श्रमिक हों, असंगठित क्षेत्र के दायरे में आता है. इसमें वो लोग भी शामिल हैं जो अपना निजी व्यवसाय करते हैं.

इसी हिसाब से राज्य सरकार ने 300 कार्यों की एक लिस्ट तैयार की है जिसमें स्वरोज़गार वाले व दूसरे लोग शामिल हैं और जिसे केंद्रीय श्रम मंत्रालय और जनगणना निदेशालय की बनाई असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की सूचियों के आधार पर तैयार किया गया है.

इस लिस्ट में अलग-अलग क्षेत्रों के कार्यों को शामिल किया गया है, जैसे कृषि (खेत मज़दूर, नमक मज़दूर), निर्माण (फिटर्स, प्लम्बर्स, वेल्डर्स), मनोरंजन (डांसर्स, जादूगर, लेखक), भोजन और आतिथ्य (कसाई, बेकर, धोबी, वॉचमैन), ब्यूटी व वेलनेस सर्विसेज़ (वॉर्ड बॉयज़, योगा ट्रेनर्स), फाइनेंस व कम्यूनिकेशन (शेयर मार्केट ब्रोकर्स, बीमा एजेंट, वकील), हॉकिंग और वेंडिंग (नारियल विक्रेता, पान वाले, चायवाले), मैनुफैक्चरिंग (बीड़ी श्रमिक, मसाला निर्माता, शराब बनाने वाले) आदि.

डेटाबेस में इन चीज़ों से जुड़ी जानकारियां ली जाएंगी- बिजली कनेक्शन नंबर, परमानेंट अकाउंट नंबर, टैक्स डिडक्शन व कलेक्शन अकाउंट नंबर, करदाता पहचान नंबर, कर्मचारी भविष्य निधि नंबर, कर्मचारी राज्य बीमा, गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स आईडी और कम्पनी पहचान नंबर (यदि हो).


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मौजूदा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर को अपडेट करेगा राज्य

लगभग 12 लाख प्रवासी श्रमिक, रेलवे द्वारा चलाई गई स्पेशल ‘श्रमिक ट्रेनों’ के ज़रिए अपने राज्यों को लौट गए थे.

बहुत से लोग परिवहन की बसों और निजी ट्रांसपोर्टर्स के ज़रिए भी वापस गए. लेकिन पिछले दो महीनों में इनमें से बहुत से श्रमिक रोज़गार के लिए धीरे-धीरे महाराष्ट्र वापस लौटने लगे हैं.

अधिकारी ने कहा, ‘महाराष्ट्र श्रम कल्याण बोर्ड में एक प्रावधान है, जिसमें उन सभी संस्थान के श्रमिकों की जानकारी रखी जाती है, जहां पांच से अधिक लोग काम करते हैं. बोर्ड कम्प्यूटरीकृत तरीके से संस्थान और उसके श्रमिकों और उसके राजस्व योगदान से जुड़ी जानकारी जमा करके रखता है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘ये सभी प्रकार के श्रमिकों का एक अम्ब्रेला डेटाबेस है- संगठित, असंगठित, मूल निवासी व प्रवासी. हम इसी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में कुछ बदलाव करने जा रहे हैं जिससे इसमें विशेष रूप से दस मानदंडों पर प्रवासी श्रमिकों की जानकारियों का डेटा शामिल हो जाएगा’.

अधिकारी ने कहा कि अधिकांश मामलों में कंपनियों और श्रमिकों की डिटेल्स पहले से ही श्रम कल्याण बोर्ड, महाराष्ट्र इमारत व निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड, औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशालय जैसे सरकारी निकायों के पास पंजीकृत होगी. उन्होंने आगे कहा कि इन मौजूदा सूचियों से प्रवासियों का डेटा निकाला जा सकता है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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