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Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशप्रशांत भूषण सीजेआई और पूर्व सीजेआई पर ट्वीट के लिए 'गंभीर' अवमानना के दोषी पाए गए, सजा 20 तारीख की सुनवाई में तय होगी

प्रशांत भूषण सीजेआई और पूर्व सीजेआई पर ट्वीट के लिए ‘गंभीर’ अवमानना के दोषी पाए गए, सजा 20 तारीख की सुनवाई में तय होगी

जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी ने कहा कि सजा को लेकर दलीलों पर सुनवाई 20 अगस्त को होगी जिसमें अधिकतम 6 महीने की जेल हो सकती है.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एडवोकेट प्रशांत भूषण को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे के साथ-साथ पूर्व सीजेआई पर उनके दो ट्वीट्स के लिए ‘गंभीर’ अवमानना ​​का दोषी पाया. अदालत में अब उनकी सजा पर 20 अगस्त को सुनवाई होगी.

जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी ने कहा कि सजा पर दलीलों की सुनवाई 20 अगस्त को होगी जिसमें अधिकतम 6 महीने की जेल हो सकती है.

न्यायालय ने 21 जुलाई को भूषण के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की थी. अपने एक ट्वीट में भूषण ने सीजेआई बोबडे की हार्ले डेविडसन बाइक पर बैठे फोटो को लेकर टिप्पणी की थी. दूसरे ट्वीट में, उन्होंने सीजेआई और पिछले सीजेआई की आलोचना की थी.

इसी पीठ ने 10 अगस्त को भी 2009 में तहलका पत्रिका को दिए साक्षात्कार के लिए उनके स्पष्टीकरण को स्वीकार करने से इंकार कर दिया था, जब उन्होंने पूर्व सीजेआई के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. उनके खिलाफ दशकों पुराने अवमानना ​​मामले में आगे बढ़ने का फैसला करते हुए पीठ ने 17 अगस्त से सुनवाई करने का फैसला किया है.

हार्ले डेविडसन पर बैठे बोबडे़ पर ट्वीट को लेकर माफी मांगी

इस महीने की शुरुआत में, भूषण ने सीजेआई बोबडे पर अपने ट्वीट के एक हिस्से के लिए माफी मांगी थी पर उन्होंने बोबडे और पूर्व सीजेआई पर अपने बाकी ट्वीट्स के पक्ष में खड़े थे.

अपने 29 जून के ट्वीट में हार्ले डेविडसन बाइक की सवारी करते हुए सीजेआई बोबडे की तस्वीर पर ट्वीट के लिए माफी मांगते हुए, भूषण ने कहा कि उन्हें यह कहने के लिए पछतावा है कि सीजेआई ने हेलमेट नहीं पहना था क्योंकि उन्होंने ध्यान नहीं दिया कि बाइक खड़ी थी.

‘शुरुआत में मैं स्वीकार करता हूं कि मुझे इसका ध्यान नहीं था कि बाइक एक स्टैंड पर थी और इसलिए हेलमेट पहनने की आवश्यकता नहीं थी. इसलिए मुझे अपने ट्वीट के उस हिस्से पर पछतावा है.’ उन्होंने यह बात अवमानना ​​नोटिस के जवाब में एक दिए गए हलफनामे में कही है.

हालांकि, उनके अन्य ट्वीट की बात करें तो भूषण ने कहा था कि वे पिछले वर्षों में सुप्रीम कोर्ट के तरीके और कार्यप्रणाली के बारे में अच्छी भावना रखते थे.

 

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